वर्तमान समय में देश के विकास में इंदौर शहर का योगदान सबसे अग्रणी माना जा रहा है। इंदौर शहर को मध्यप्रदेश का दिल भी कहा जाता है। इसकी आबादी 11 लाख के आसपास की है। इंदौर शहर को मध्य प्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी भी कहा जाता है। मुंबई की लाइफ स्टाइल से जुड़े रहने के कारण इसे मिनी मुंबई भी कहा जाता है।
मध्य प्रदेश के सभी शहरों में यह सबसे बड़ा शहर है और मध्य भारत का एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र भी है। इंदौर शहर दो नदियों के संगम का प्रमुख बिंदु है। इंदौर शहर के सभी पर्यटन स्थल अत्यंत प्राचीन है। इसीलिए यह पर्यटकों को काफी अधिक आकर्षित करते हैं। तो आइए जानते हैं इंदौर के कुछ प्रमुख घूमने लायक पर्यटन स्थलों के बारे में-
इंदौर का लालबाग पैलेस(Indore ka lalbagh place)

लाल बाग पैलेस होलकर राजवंश की भव्यता का गवाह है। इस पैलेस का निर्माण सन 1886 में तुकोजीराव होलकर के द्वारा किया गया था। परंतु इसको पूर्ण सन 1921 में उनके बेटे तुकोजीराव होलकर ने इसे पूरा किया।
इस पैलेस की सबसे खास बात यह है कि इसका निर्माण इटालियन संगमरमर के अलावा विभिन्न देशों से लाए हुए पत्थर, कालीन बेल्जियम की कांच की खिड़कियां, इटालियन शैली की चित्रकारी आदि दीवारें बहुत ही भव्य हैं।
यह सुन्दर महल लगभग 28 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। वर्तमान समय में इसको एक संग्रहालय का रूप दिया गया है। जिसमें खुलकर होल्कर की कुछ स्मृतियां अति प्राचीन सिक्के, मराठा साम्राज्य कुछ स्मृतियां, आदि सजा कर रखी हुई है। पर्यटक इन प्राचीन संग्रहालय की चीजों को देखने के लिए यहां जरूर आते हैं।
लाल बाग पैलेस खुलने का समय( opening timing of lalbagh place)
यह प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
जबकि सोमवार को यह पैलेस बंद रहता है।
इंदौर का प्रसिद्ध राजवाड़ा( Indore famous rajwada)

इस अत्यंत प्राचीन राजवाड़े को होल्कर ने आज से लगभग 200 साल पहले बनवाया था। यह राजवाड़ा लगभग सात मंजिला ऐसा है। इसकी भव्यता और वास्तुकला देखने लायक है।
कजरी बाजार के एकदम नजदीक बसैया राजवाड़े को देखने देश-विदेश से पर्यटक इंदौर शहर में पहुंचते हैं। इस राजवाड़े के बीचो बीच में एक अत्यंत सुंदर बगीचा है जिसमें रानी अहिल्याबाई की एक सुंदर मूर्ति और एक कृतिम झरना है। इसके आसपास कुछ कृतिम और खूबसूरत फव्वारेहै जो इसे इंदौर के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बनाते है।
मशहूर कांच मंदिर( famous kanch mandir)

जैन धर्म के सभी पहलुओं को दर्शाता यह भव्य मंदिर देखने में अत्यंत सुंदर प्रतीत होता है। यह मंदिर पूरी तरह से कांच के द्वारा निर्मित किया गया है। और कांच पर ही अत्यंत कठिन कलाकारी कलाकारों के द्वारा की गई है।
इसमें स्थित प्रतिमाएं और दरवाजे भी कांच के द्वारा हैं जिन पर सुंदर नक्काशी की गई है। पाठकों के लिए इंदौर का कांच मंदिर विशेष आकर्षण का केंद्र है। और जैन धर्म को जानने का भी एक मुख्य स्त्रोत है। जैन धर्म के प्रवर्तकों के लिए यह स्थान अति महत्वपूर्ण है|
इंदौर में बड़ा गणेश मंदिर(Indore ka bda ganesh mandir)

इस विशाल मंदिर का निर्माण भी होलकर राजवंश वंशु के द्वारा किया गया था। रानी अहिल्याबाई होल्कर ने आज से लगभग 120 साल समय पहले इस मंदिर का निर्माण प्रारंभ कराया था। जैसा कि जाना ही जाता है कि किसी भी कार्यक्रम के शुभारंभ से पहले भगवान गणपति की पूजा आराधना की जाती है।
इस विशाल मंदिर को देखने के लिए दुनिया भर से। गणेश भक्त इंदौर आते हैं। इस मंदिर में स्थित गणेश भगवान की प्रतिमा लगभग 25 फीट ऊंची है जो कि दुनिया में गणेश भगवान की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक मानी जाती है। इस मूर्ति का निर्माण। प्रमुख तीर्थ स्थानों से लाए गए चूना पत्थर मिट्टी पानी नदियों के पानी के आदि के मिश्रण से बना है।
गणेश मंदिर सामान्य तौर पर एक मामूली सा मंदिर दिखता है, लेकिन यह भगवान की प्रतिमा अपने आप में अनेक विविधताओं को समेटे हुए हैं। पर्यटक जब भी इंदौर आते हैं, बड़े गणेश की परिक्रमा और पूजा करना नहीं भूलते हैं।
दर्शनीय स्थल अन्नपूर्णा मंदिर( annpurna mandir)

भोजन के देवता को समर्पित यह मंदिर भक्तों के अलावा पर्यटकों के भी आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इस भव्य मंदिर में देवी अन्नपूर्णा के अलावा शिव और हनुमान और काल भैरव के भी मंदिर हैं।
मंदिर के द्वार पर चार आदमी के आकार के विशाल हाथियों की मूर्तियां विराजमान है। मंदिर का वैभव इसे पर्यटकों के बीच प्रमुख आकर्षण बनाता है। मंदिर की नक्कासी अत्यंत मनमोहक है जो पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है |
रालामंडल वन्य जीव अभयारण्य(ralamadal Vanya jiv abhyarahayan)

मध्य प्रदेश के सबसे पुराने अभ्यारण में शुमार रालामंडल वन्य जीव अभ्यारण का निर्माण 1981 में किया गया था। यह अभ्यारण बाघ और अन्य विशेष किस्म के पक्षियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है क्योंकि यहां का परिवेश इन जानवरों के काफी मुफीद माना जाता है।
यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं तो आपको एक बार इस अभ्यारण में जरूर आना चाहिए। पर्यटकों के लिए भी यह विशेष आकर्षण का केंद्र है। इस जगह पर राइटिंग के लिए आप कार या बाइक का उपयोग कर सकते हैं। और अभ्यारण की तरफ से यहां विशेष ऊंट की सवारी का भी प्रबंध किया गया है।
अभ्यारण में एक शिकार झोपड़ी भी देखने को मिलती है। इसका निर्माण उन्नीस सौ में होलकर शासनकाल के दौरान किया गया था। वर्तमान समय में इसे सूचना केंद्र में बदल दिया गया है। सप्ताह में 7 दिन यह अभ्यारण पर्यटकों के लिए खुला रहता है जिसका समय सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक के लिए है। इस दौरान पर्यटक इस अभ्यारण में कार बाइक और ऊंट की सवारी से भी लाइफ एडवेंचर का आनंद ले सकते हैं।
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इंदौर का मशहूर पातालपानी झरना(Indore famous patalpani jhrna)

इंदौर का मशहूर पातालपानी जलप्रपात यहां का सबसे प्रचलित प्रपात है। फोटोव्यू के लिए भी एक दर्शनीय स्थल है। पर्यटक यहां काफी अधिक संख्या में आकर इस प्रपात को देखने का अवसर प्राप्त करते हैं। मानसून के समय यहां का झरना कुछ जोखिम भरा भी हो सकता है परंतु साल भर या घूमने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थल है।
इस जगह का आनंद लेने के लिए दूरदराज के क्षेत्रों से भी पर्यटक यहां आते हैं। इस झरने का पानी बहुत ऊंचाई से सीधा 40 फीट गहरे तालाब में आकर गिरता है जिसे पातालपानी भी कहा जाता है। इस झरने की आसपास की हरियाली इसे इंदौर के सबसे अच्छे पर्यटन केन्द्रो में शुमार करती है |
मोहड़ी फॉल् (mohadi falls)

इंदौर में यूं तो झरनों की कमी नहीं है, परंतु यहां पर कुछ झरने ऐसे हैं जो काफी ऊंचाई से उसका पानी गिरता है जो देखने में अत्यंत रोमांचकारी होता है। यह पर्यटकों के लिए वर्तमान समय में बेस्ट पिकनिक स्पॉट साबित हो रहा है।
यह झरना इंदौर से लगभग 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो एक बेस्ट पिकनिक स्पॉट के रूप में प्रचलित है। पर्यटक और स्थानीय लोग यहां पिकनिक मनाने काफी संख्या में आते हैं।
तिंछा जलप्रपात(tincha falls)

इस जलप्रपात का पानी देखने में दूध जैसा सफेद है और इसकी ऊंचाई लगभग 300 फीट की है। यह देखने में अत्यंत सुंदर दिखता है पर्यटक यहां आकर इस झरने का लुफ्त उठाते हैं यह झरना तिंछा गांव में पड़ता है इसलिए इसका नाम से तिंछा जलप्रपात कहा जाता है।
इस प्रपात का सबसे ज्यादा आनंद मानसून के समय में आकर पर्यटक उठाते हैं। वर्तमान समय में tincha एक आदर्श पिकनिक स्थल बन गया है। इसकी खूबसूरती पर्यटकों को अपनी और आकर्षित है|
बिजासन टेकरी मंदिर(bijasan tekri Mandir)

पौराणिक मान्यताओं और बेस्ट व्यू के लिए यह माता का मंदिर अत्यंत प्रचलित है। पहाड़ के टेकरी हिल परिस्थितियां मंदिर, पूरे शहर और पहाड़ियों के बीच एक मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।
कहा जाता है कि माता की शक्ति इतनी प्रबल है कि यहां अंधों की दृष्टि वापस आ जाती है। प्रतिवर्ष आयोजित नवरात्र के मेले में हजारों की संख्या में भक्त और पर्यटन दर्शन के लिए आते हैं।
हनुमंतिया दीप( hanuwantiya dwip)

यह इंदिरा सागर नदी में स्थित दीप समूह में बीच में एक द्वीप है। यदि प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। इस द्वीप पर पर्यटक काफी अधिक संख्या में आते हैं। द्वीप के चारों और ठंडा पानी है। यहां वॉटर एडवेंचर एक्टिविटीज काफी अधिक संख्या में होती हैं।
यह एक शानदार हॉलिडे डेस्टिनेशन माना जाता है। वर्ष में आयोजित होने वाले जल महोत्सव के दौरान यहां का पूरा आसमान पतंगों और हवा के गुब्बारों से भर जाता है जिसे देखने के लिए देश-विदेश से काफी अधिक संख्या में पर्यटक आते हैं।
गिरिया खोह झरना( gidiya khoh jhrna)
इंदौर से 24 किलोमीटर दूरी पर स्थित के झरना गिरिया खोह झरना के नाम से स्थित है। इस झरने की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय वर्षा ऋतु का होता है। इस समय इस झरने की धार बहुत तेज होती है और ऊंचाई से गिरने के कारण यह देखने में अत्यंत सुंदर लगता है। यहां पर स्थानीय लोग पिकनिक मनाने के लिए भी आते हैं। यह झरना प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है।
इंदौर कैसे पहुंचे?( how to reach Indore)
हवाई मार्ग से आने के लिए इंदौर मुख्य शहर से केवल 7 किलोमीटर की दूरी पर देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डा है, जहां से नियमित घरेलू उड़ानें चलते हैं।
सड़क मार्ग से आने के लिए इंदौर शहर में नियमित बस सेवाएं चलती हैं जो कई प्रमुख शहरों से इंदौर की मुख्य सड़क जुड़ी हुई है। इंदौर के लिए आप स्लीपर और चार्टर्ड बस अभी लगातार चलती हैं।
रेल साधन से आने के लिए इंदौर जंक्शन रेलवे स्टेशन प्रमुख रेलवे स्टेशन है जो रेल के माध्यम से पूरे शेष भारत को आसानी से जोड़ता है।
इंदौर का स्थानीय भोजन(local food of indore )

दक्षिण भारतीय प्रभाव करण इंदौर का भोजन प्रमुख रूप से शाकाहारी होता है। यहां पर स्ट्रीट फूड से लेकर बढ़िया डायनिंग एक्सपीरियंस भी उपलब्ध हैं। जो बेहद स्वादिष्ट होते हैं। यहां का मशहूर इंदौरी, पोहा और इमरती के लिए प्रसिद्ध है।
इसके अलावा यहां डोसा खिचड़ी भेलपुरी पोहा, समोसा दाल बाफला, छोले भटूरे नमकीन विभिन्न प्रकार के सेव। फालूदा, कुल्फी, गुलाब, जामुन, रबड़ी आदि प्रसिद्ध चीजें मिल जाएंगी।
इंदौर की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय(best time to travel indore)
पर्यटन के लिहाज से यूं तो वर्ष भर यहां काफी अधिक संख्या में पर्यटक आते हैं। परंतु। सबसे अच्छा समय जुलाई से सितंबर तक का माना जाता है क्योंकि यहां बारिश के कारण तापमान ठंडा हो जाता है और यहां के विभिन्न झरने अपने वास्तविक रूप में होते हैं तो। यहां आना। पर्यटकों के लिए श्रेष्ठ हो जाता है यहां पर दर्शनीय स्थल। अधिकारी होते हैं। परंतु यहां गर्मी में आने से बचना चाहिए।
इंदौर में कहां रुके( where stay in indore)
मिनी मुंबई का जाने वाला इंदौर लग्जरी होटल से लेकर लो बजट होटल भी मौजूद है। यहां के मशहूर होटल जैसे साया जी, होटल, रेडिसन, ब्लू, होटल, लेमन, ट्री होटल आदि अच्छे और बड़े होटल हैं, जहां आप स्टे कर सकते हैं। इसके अलावा लो बजट वाले भी होटल जैसे फतेहपुरिया समाज भवन, सिंधु भवन, बुंदेली भवन श्री राम अतिथि ग्रह भी एक अच्छा विकल्प होता है।
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