
एक नजर
- स्थापना : लगभग 400 वर्ष पूर्व
- प्रमुख देवता : हनुमान जी
- स्थान : पनकी कानपुर
- राज्य : उत्तर प्रदेश
- महंत जी : श्री जितेंद्र दास जी महाराज
पनकी हनुमान मंदिर की स्थापना एवं कहानी
पनकी हनुमान मंदिर की स्थापना के विषय में लोगों का यह मत है कि यह मंदिर लगभग 400 वर्ष पूर्व बना था और इसकी स्थापना श्री श्री 1008 महंत श्री पुरुषोत्तम दास जी के द्वारा की गई थी। पनकी हनुमान मंदिर के विषय में एक कहानी यह है कि महाराज पुरुषोत्तम दास जी एक बार चित्रकूट से लौट रहे थे।
तभी उन्हें इस स्थान पर एक विशाल चट्टान देखी उस चट्टान का आकार बजरंगबली के स्वरूप के समान था जिसे देखकर उन्होंने उस स्थान पर मंदिर निर्माण करने की इच्छा जाहिर की और विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद इस स्थान पर मंदिर की स्थापना की। तब से आज तक यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाला मंदिर माना जाता हैं।
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पनकी हनुमान मंदिर के विषय में जन श्रुति
स्थानीय लोगों के साथ-साथ पनकी हनुमान मंदिर पर दूर-दराज के क्षेत्रों से भी लोग बाबा के दर्शन करने के लिए काफी अधिक संख्या में इकट्ठे होते हैं मंगलवार के दिन विशेष तौर पर यहां पर काफी अधिक संख्या में भीड़ देखी जाती है लोगों के अनुसार पनकी हनुमान मंदिर प्राचीन होने के साथ-साथ सभी की मनोकामना को पूर्ण करने वाला है। इस हनुमान मंदिर में बुढ़वा मंगल के विशेष दिन पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है जहां पर स्थानीय लोग के साथ साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों से लोग लाखों की संख्या में आकर बाबा के दर्शन करते हैं।
यहां के स्थानीय महंत जी के अनुसार यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है इसकी लिखित तौर पर कोई जानकारी किसी को भी नहीं है परंतु उनके अनुसार ऐसा कहा गया कि यह मंदिर महाभारत काल से ही अस्तित्व में है और उसी जमाने से यहां पर बुढ़वा मंगल का भी आयोजन किया जाता रहा है।
पनकी मंदिर खुलने का समय
पनकी मंदिर खुलने का समय प्रातः 5 बजे से दोपहर 1 बजे तक और सायं 3 बजे से रात्रि 10 बजे तक। और मंगलवार के दिन प्रातः 5 बजे से पूरे दिन रात्रि 10 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता हैं।
पनकी हनुमान मंदिर कैसे पहुंचे?
ट्रेन के द्वारा पनकी हनुमान मंदिर कैसे पहुंचे?
दोस्तों अगर आप कानपुर की यात्रा पर आए हैं तो एक बार आपको पनकी मंदिर जरूर आना चाहिए अगर आप ट्रेन से पनकी मंदिर पहुंचना चाहते हैं तो यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन पनकी धाम है। परंतु कुछ ही ट्रेनें यहां पर रूकती हैं श्रद्धालुओं के लिए सबसे सुविधाजनक कानपुर सेंट्रल है। यहां से पनकी मंदिर की कुल दूरी मात्र 15 किलोमीटर की है।
सड़क परिवहन के द्वारा पनकी मंदिर कैसे पहुंचे?
सड़क परिवहन से अगर आप पनकी मंदिर आना चाहते हैं तो यह कानपुर के सभी मार्गो से अच्छी प्रकार से जुड़ा हुआ है। आप यहां जीटी रोड से कल्याणपुर से होते हुए पनकी पहुंच सकते हैं। तथा दूसरी तरफ से कालपी रोड से होते हुए भाटिया तिराहे से होकर पनकी मंदिर आ सकते हैं।
हवाई जहाज के द्वारा पनकी मंदिर कैसे पहुंचे?
अगर आप कानपुर हवाई परिवहन परिवहन से आ रहे हैं तो यहां का निकटतम हवाई अड्डा चकेरी हवाई अड्डा है। इस हवाई अड्डे पर दिल्ली मुंबई अहमदाबाद और कोलकाता की नियमित उड़ानें उपलब्ध है। चकेरी हवाई अड्डा से पनकी मंदिर की कुल दूरी 25 किलोमीटर की है। आप यहां हवाई अड्डे के बाहर से प्राइवेट कैब या टैक्सी के माध्यम से आसानी से पनकी मंदिर पहुंच सकते हैं।
विशेष
आप यहां पर पनकी मंदिर दर्शन करने के लिए आ रहे हैं तो हम आपको जानकारी दे दे कि यहां के पनकी मंदिर के समीप ही एक अत्यंत प्राचीन शिव मंदिर भी है। इस शिव मंदिर के पास में स्थित अत्यंत प्राचीन तालाब है जिसे कछुआ तालाब के नाम से जाना जाता है। यहां पर अत्यंत प्राचीन लगभग सौ से डेढ़ सौ वर्ष पुराने कछुए और मछलियां आज भी हैं। श्रद्धालु पनकी मंदिर के हनुमान जी के दर्शन करने के उपरांत यहां पर कछुआ और मछलियों को भोजन कराने और शिव जी के दर्शन करने के लिए जरूर आते हैं। पनकी स्थित हनुमान मंदिर से कछुआ तालाब की दूरी मात्र 500 मीटर की है।
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