
भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी है। और इसे “झीलों की नगरी” भी कहा जाता है। यहां पर “भारत हेवी लिमिटेड (भेल )” का कारखाना भी है। मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में भोपाल भी महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। भोपाल शहर का नाम यहां के राजा “भोपाल” के नाम पर रखा गया।
जबकि भोपाल शहर की स्थापना राजा भोज ने की थी। यहां पर प्राकृतिक सुंदरता समृद्धि और अत्यंत मनोहारी दृश्य के कारण यहां पर काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। भोपाल शहर को मध्य प्रदेश के सबसे स्वच्छ शहर में गिना जाता है। तो आइए कुछ प्रमुख भोपाल के पर्यटन स्थल केंद्रों पर नजर डालते हैं।
- वन विहार राष्ट्रीय उधान
- बड़ा तालाब
- गौहर महल
- शौकत महल
- भीमबेटका
- मोती मस्जिद
- बिरला मंदिर
- भोजपुर मंदिर
- शौर्य स्मारक
- ताज उल मस्जिद
- इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय संग्रहालय
- डी बी मॉल
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान( van vihar national park)

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान आगंतुक पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है| 4.5 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ ये पार्क अवैध शिकार और शिकारियों से पूर्ण रूप से सुरक्षित है। पर्यटक यहां आकर जानवरों को उनके स्वतंत्र परिवेश में आसानी से देख सकते हैं।
यहां पर जानवरों को दो भागों में विभाजित किया गया है। शाकाहारी और मांसाहारी! शाकाहारी क्षेत्र में पर्यटक आसानी से जानवरों को देख सकते हैं। जबकि मांसाहारी क्षेत्र में घूमने के लिए पर्यटकों को सफारी लेनी पड़ती है। यहां आकर पर्यटक अपनी जानवरों को देखने की जिज्ञासा को आसानी से शांत कर सकते हैं।
भोपाल वन विहार टिकट रेट (Bhopal Van Vihar ticket rate)
भारतीयों के लिए ₹50।
विदेशी पर्यटकों के लिए ₹200
कैमरा ले जाने के लिए ₹50।
वीडियो कैमरा ले जाने के लिए ₹300
चार पहिया वाहन ले जाने के लिए दो लोग अधिकतम ₹100।
कार में अधिकतम 8 लोग ले जाने के लिए ₹400।
अकेले सफारी का आनंद लेने के लिए ₹300।
अगर आप साइकिल से सफारी का आनंद लेना चाहे तो वन विहार ₹10 प्रति घंटे के हिसाब से आपको साइकिल उपलब्ध कराता है। ₹50 सुरक्षा निधि के रूप में जमा करना पड़ेगा।
भोपाल वन विहार का ओपनिंग टाइमिंग(bhopal van vihaar opening timing )
16 फरवरी से अप्रैल तक प्रातः 6:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक।
अप्रैल से जुलाई तक सुबह 6:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक।
अगस्त से अक्टूबर सुबह 6:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक।
नवंबर से 15 फरवरी तक सुबह 6:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक।
वन विहार कैसे पहुंचे?(How to reach bhopal van vihar )
भोपाल के केंद्र में स्थित होने के कारण यहां पहुंचना बहुत ही सरल है।
हवाई मार्ग से यहां आने के लिए निकटतम हवाई अड्डा राज भोज हवाई अड्डे पर आना पड़ेगा।
ट्रेन द्वारा वन विहार आने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन भोपाल जंक्शन है। यहां से दूरी मात्र 8 किलोमीटर है।
सड़क परिवहन से आने के लिए यहां पर आसानी से बसें उपलब्ध हैं। निकटतम बस अड्डा भोपाल है। इसके अलावा स्थानीय परिवहन साधन जैसे टैक्सी, कैब आदि यहां पर आसानी से राष्ट्रीय उद्यान आपको पहुंचा सकते हैं।
भोपाल का मशहूर बड़ा तालाब(Bhopal famous upper lake )
भोपाल को झीलों की नगरी कहा जाता है। यहां पर पर्यटन के हिसाब से काफी अधिक मात्रा में झीले हैं उन झीलों में प्रमुख झील बड़ा तालाब के नाम से जानी जाती है। यह भोपाल का सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन क्षेत्र है। इस झील को अपर लेक भी कहा जाता है। यह भोपाल की सबसे प्राचीन जिलों में से एक है।

यहां की स्थानीय निवासी इसे बड़ा तालाब भी कहते हैं। यह पर्यटकों के लिए आज के समय में सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र है। झील के किनारे राजा भोज की एक प्राचीन प्रतिमा है। इस झील के ऊपर बने खूबसूरत ब्रिज पर पर्यटक के लिए एक बेहतरीन सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है।
विशेषकर रविवार को यहां पर्यटकों की काफी भीड़ होती है। इस झील के पानी से भोपाल के लोग लगभग 40 परसेंट अपनी पानी की जरूरते पूरी करते हैं। सूर्यास्त के समय यहां पर वोटिंग का आनंद लेने पर्यटक आते हैं।
इस बड़ा तालाब को एशिया का सबसे बड़ा कृत्रिम तालाब माना जाता है। इस तालाब में पर्यटको के लिए पानी के खेल जैसे कि कैनोइंग, राफ्टिंग, क्यांकि और पैरासेलिंग आदि की व्यवस्था की गई है।
बड़े तालाब की वोटिंग फीस( Uppar lake voting fees)
पेडल वोट के लिए प्रति व्यक्ति ₹80।
क्रूज़ वोट के लिए प्रति व्यक्ति ₹100।
पर्सनल मोटर वोट के लिए प्रति व्यक्ति ₹250।
बड़ा तालाब घूमने का सबसे अच्छा समय(Best time to visit uppar lake)
यूं तो वर्ष भर सप्ताह के सातों दिन यहां भीड़ होती है परंतु अक्टूबर से लेकर अप्रैल तक यहां पर आप आकर। पर्यटन का शानदार नजारा देख सकते हैं।
बड़ा तालाब कैसे पहुंचे?(How to reach uppar lake)
भोपाल का बड़ा तालाब पहुंचने के लिए। हवाई मार्ग से नजदीकी हवाई अड्डा भोपाल का राजा भोज हवाई अड्डा है जो यहां से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर है जहां आप आसानी से पहुंच सकते हैं।
ट्रेन से बड़ा तालाब पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन। भोपाल जंक्शन है भोपाल जंक्शन से बड़ा तालाब की दूरी मात्र 8 किलोमीटर है।
सड़क परिवहन से बड़ा तलाब पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी बस अड्डा नादरा बस स्टैंड है। जहां से बड़ा तालाब की दूरी मात्र 10 किलोमीटर है। यहां आप बहुत आसानी से पहुंच सकते हैं।
जरूरी सूचना
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भोपाल में गोहर महल( Gohar mahal in bhopal)

गोहर महल का नाम भोपाल की पहली महिला शासक कुदसिया बेगम के नाम पर रखा गया है जो एक निष्पक्ष शासिका थी। भोपाल शहर के गोहर महल में हर साल जनवरी-फरवरी में एक महोत्सव का आयोजन किया जाता है।

इस महोत्सव में देश-विदेश के कारीगरों सरकारों और लोक कलाकारों को अपनी कला दिखाने का मौका दिया जाता है और उन्हें उचित पुरस्कार दिया जाता है। इस मेले को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक यहां आते हैं। यह भोपाल के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में गिना जाता है।
शौकत महल भोपाल घूमने की जगह(Bhopal ki ghumne layak jagah shaukat mahal)

180 वर्ष पुराना शौकत महल गौहर महल के पास में ही स्थित है। शौकत महल को 19वीं शताब्दी में। गौरव बेगम की बेटी सिकंदर बेगम के शासनकाल में बनाया गया था। इस महल की वास्तु कला में यूरोपियन शैली का अनूठा मिश्रण दिखाई देता है।
इस महल के चारों तरफ फैले हरे भरे बाग बगीचे इस सुंदर इमारत को अत्यंत मनमोहक बना देते हैं। अक्सर यहां पर बहुत ही खूबसूरत कव्वाली कार्यक्रम का भी आयोजन होता रहता है। और यहां पर कव्वाली प्रेमी लोग काफी अधिक संख्या में पहुंचते हैं।
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भोपाल की ऐतिहासिक जगह भीमबेटका (Bhopal ki etihasik jagah bheembetka )
लगभग 30,000 साल पुराने शिलालेख भीमबेटका में स्थित है। महाभारत के पांडव भाइयों में भीम का चरित्र स्थित है। इसमें लगभग 500 से भी अधिक शैल चित्र और गुफाये है। भीमबेटका को सन 2003 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट भी घोषित किया जा चुका है।
भीमबेटका भोपाल के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से गिना जाता है। और सभी आयु वर्ग के पर्यटक के लिए यह एक विशेष जगह मानी जाती है। यह स्थान भोपाल शहर से लगभग। 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसमें लगभग 500 से अधिक छोटी-बड़ी गुफाएं स्थित हैं जो पत्थरों द्वारा निर्मित हैं।
भीमबेटका प्रवेश शुल्क(Bheem betka entry fees )
पर्यटकों के लिए भीमबेटका का प्रवेश शुल्क। जानना अति आवश्यक है। भारतीय पर्यटकों के लिए। यह शुल्क मात्र ₹10 प्रति व्यक्ति है।
और विदेशी पर्यटकों के लिए यह शुल्क ₹100 प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है। अगर आप मोटर राइड लेना चाहते हैं तो इसके लिए भारतीय नागरिकों को ₹50 प्रति व्यक्ति और विदेशी पर्यटकों को ₹200 प्रति व्यक्ति शुल्क चुकाना पड़ता है।
भीमबेटका कैसे पहुंचे? (How to reach bheembetka )
दोस्तों अगर आपने भीमबेटका घूमने का मन बनाया है तो आप अपनी सुविधानुसार फ्लाइट बस या रेलवे के साधन से आसानी से यहां पहुंच सकते हैं।
फ्लाइट से पहुंचने के लिए आपका नजदीकी एयरपोर्ट भोपाल का राजा भोज एयरपोर्ट है जो भीमबेटका से लगभग 61 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आप टैक्सी या स्थानीय कैब के माध्यम से आसानी से भीमबेटका पहुंच सकते हैं।
भीमबेटका ट्रेन से कैसे पहुंचे?(How to reach bheembetka by train )
अगर आप ट्रेन की यात्रा से भीमबेटका पहुंचना चाहते हैं तो आपको सबसे नजदीकी स्टेशन हबीबगंज पड़ेगा जो भीमबेटका से लगभग 39 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा भोपाल जंक्शन भी आप पहुंच सकते हैं, लेकिन यहां से भीमबेटका की दूरी लगभग 53 किलोमीटर है। रेलवे स्टेशन से आप कोई भी स्थानीय! बस या कैब के माध्यम से आसानी से भीमबेटका पहुंच सकते हैं।
भोपाल घूमने की जगह मोती मस्जिद(bhopal ghumne ki jagah Moti masjid )

भोपाल में घूमने के लिए प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में मोती मस्जिद का भी खास महत्व है। यहां पर हजारों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। इसे पर्ल मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है इस मंदिर का निर्माण लगभग 18 से 60 ईसवी में सिकंदर जहान बेगम के शासनकाल में किया गया।
मोती मस्जिद की वास्तुकला जामा मस्जिद से मिलती जुलती है। वर्तमान समय में मोती मस्जिद मुस्लिम धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान माना जाता है। शुक्रवार के दिन जो प्रार्थना के लिए यहां काफी अधिक संख्या में इकट्ठा होते हैं। यहां की वास्तुकला अत्यंत, मनमोहक और सुंदर है।
इस मंदिर का निर्माण। संगमरमर और लाल रंग के पत्थरों से हुआ है। इसके संगमरमर के पत्थर अत्यंत चमकदार हैं। इसीलिए इसका नाम पर मस्जिद भी पड़ा।

भोपाल में प्रसिद्ध बिरला मंदिर(Bhopal me prashidh birla mandir )

इस विशाल और भव्य मंदिर का निर्माण बिरला परिवार के द्वारा किया गया है जिनके लगभग पूरे भारत में 18 मंदिर हैं। भोपाल आने वाले पर्यटकों के लिए लक्ष्मी नारायण मंदिर एक अत्यंत आकर्षक पर्यटन स्थल है। इस मंदिर में भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की मूर्ति विराजमान है।
बिरला मंदिर घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए बहुत ही सुंदर परिदृश्य पेश करता है। मध्यप्रदेश के पूर्व ऐतिहासिक युग के अवशेष इस मंदिर में श्रंगार संग्रहालय में सुरक्षित रखे गए हैं। जो इस राज्य के इतिहास के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
इस संग्रहालय में पुरापाषाण कालीन लोगों के द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं को भी सहेज कर रखा गया है। यहां पर पर्यटक। पूरा प्राचीन कालीन को उनके उपयोग की गई वस्तुएं पांडुलिपि या आदि को देखने के लिए काफी अधिक संख्या में आते हैं।
प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भोजपुर मंदिर(Prasidh dhramik sthal bhojpur mandir )

इस प्राचीन और विशाल मंदिर का निर्माण लगभग 11 वीं शताब्दी में राजा भोज के द्वारा किया गया था। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां स्थित भगवान शिव का शिवलिंग दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग माना जाता है। इसकी ऊंचाई 3.5 मीटर है। और परिधि में लगभग 18 फीट की है। यह मंदिर भोपाल शहर में पिकनिक स्थान के लिए भी काफी लोकप्रिय हो चुका है।
शिवरात्रि के दौरान भोजपुर मंदिर में हजारों की संख्या में जनसैलाब उमड़ पड़ता है। इसके साथ ही यहां पर तीन दिवसीय मेले का भी आयोजन किया जाता है। मेले में आपकी जरूरत की हर एक चीजें उपलब्ध होती हैं। यह पर्यटकों के लिए एक ऐतिहासिक स्थान है। भोजपुर मंदिर पर्यटकों के आकर्षण का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इसे भोजेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

भोपाल स्टेशन से दूरी
भोपाल रेलवे स्टेशन से इस मंदिर की दूरी लगभग 30 किलोमीटर है। यहां से प्राइवेट कैब या बस के द्वारा आसानी से भोजेश्वर मंदिर पहुंच सकते हैं।
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भोपाल का शौर्य स्मारक(bhopal ka shaurya smaarak )

श्यामला हिल्स में स्थित यह शौर्य स्मारक भोपाल शहर का प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह शौर्य स्मारक लगभग 12 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। इस स्मारक का उद्घाटन हमारे तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 14 अगस्त सन 2004 में किया था।
यहां पर अमर शहीदों की शौर्य गाथा आपको देखने को मिलेगी। सौर्य स्मारक की स्वच्छता देखते ही बनती है। इस को स्वच्छ बनाए रखने के लिए पर्यटको से मामूली शुल्क का प्रावधान रखा गया है। विशेष ध्यान देने योग्य बात यह है कि बुधवार को बंद रहता है और प्रतिदिन दोपहर 12:00 बजे से शाम 7:06 बजे तक खुलता है।
शौर्य स्मारक में ग्रेनाइट के पत्थरों से बना 62 फुट का ऊंचा स्तंभ है। शौर्य स्मारक स्तंभ की नीव् के नीचे ही जलने वाली एक अनंत ज्योति सैनिकों के बलिदान की याद दिलाती रहती है।
तीनों सेनाओ की यादों को चित्रों में संजोते हुए यहां पर संग्रहालय का निर्माण किया गया है। जहां पर आप परमवीर चक्र, महावीर चक्र जैसे पुरस्कारों को देख सकते हैं।

भोपाल में शौर्य स्मारक में कैसे पहुंचे(How to reach shaurya smaarak bhopal)
हवाई मार्ग से। शौर्य स्मारक आने के लिए निकटतम हवाई अड्डा भोपाल का राजा भोज हवाई अड्डा है। यहां से इस स्मारक की दूरी लगभग 22 किलोमीटर है।
ट्रेन के माध्यम से यहां आने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन हबीबगंज रेलवे स्टेशन है जो यहां से लगभग केवल 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जबकि भोपाल जंक्शन से इस भव्य स्मारक की दूरी लगभग 7 किलोमीटर है।
सड़क परिवहन से आने के लिए सबसे नजदीकी बस अड्डा भोपाल का नादरा बस स्टैंड है। वहां पर आप स्थानीय बस के माध्यम से आसानी से पहुंच सकते हैं। शौर्य स्मारक इस बस अड्डे से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय( indira gaandhi national human musium )

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में गिना जाता है। यह श्यामला हिल्स पर ही स्थित है। इस संग्रहालय को लगभग 200 एकड़ के क्षेत्र में बनाया गया है। यहां पर भारतीय आदिवासियों की जीवन शैली उनकी विविधता संस्कृति एवं उनके प्राचीन आवासों को दर्शाया गया है।
यहां आदिवासियों के रहन-सहन उनके खान-पान उनके कामकाज के उपकरण,उनके देवी-देवताओं की मूर्तियां भी विराजमान है। यहां पर प्राचीन स्त्रोतों के प्रेमी पर्यटक अधिक संख्या में आते हैं।
भोपाल की मशहूर ताज उल मस्जिद (taj-ul-masajid )

भोपाल के प्रमुख पर्यटन केंद्र में इस मस्जिद का नाम आता है क्योंकि यह मस्जिद एशिया महाद्वीप की सबसे बड़ी मस्जिदों में गिनी जाती है। यह मुस्लिम समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन स्थल है। यहां पर देश दुनिया के तमाम मुस्लिम प्रार्थना करने के लिए अक्सर आते हैं।
इस taj-ul-masajid में एक साथ! लगभग 175000 लोगों के बैठने की क्षमता है इस विशाल मस्जिद का निर्माण आज से लगभग 1844 साल के बीच में मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर के द्वारा किया गया था।मस्जिद भोपाल आने वाले पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है क्योंकि? इसकी वास्तुकला अत्यंत मनमोहक है।
विशाल मस्जिद के गुंबद अत्यंत सुंदर दिखते हैं। इसे मस्जिदों का ताज कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। आज यह इमारत दुनिया के सबसे खूबसूरत इमारतों में गिनी जाती है। गुलाबी रंग से रंगी इस मस्जिद में सफेद गुंबद हैं और इनके आसपास विशाल मिनारे स्थित है।
Taj-ul-masajid कैसे पहुंचे(How to reach taaj ul masjid )
वायु रेल और सड़क परिवहन से आप यहां अत्यंत आसानी से पहुंच सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन भोपाल जंक्शन है। जहां से इस मस्जिद की दूरी केवल 3 किलोमीटर है जबकि
निकटतम हवाई अड्डा राजा भोज हवाई अड्डा केवल 12 किलोमीटर की दूरी पर है।
बस के द्वारा आप भोपाल बस स्टैंड से आसानी से यहां पहुंच सकते हैं।
भोपाल का प्रमुख पर्यटन स्थल डीबी मॉल सिटी मॉल( bhopal famaus db mall city mall )

जैसा कि नाम नाम से ही प्रतीत हो रहा है कि यह माल खरीदारी और घूमने के लिए बनाया गया है। भोपाल शहर का यह सबसे बड़ा मॉल है। डीबी सिटी मॉल मध्य भारत का सबसे बड़ा शॉपिंग मॉल माना जाता है यह लगभग 1300000 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला हुआ है।
इस मॉल में पर्यटक एक बार जरूर घूमने आते हैं। यहां पर कई प्रकार के रिस्ट्रो फूड कोर्ट और लगभग 150 के आसपास रिटेल शॉप है। भोपाल शहर के मध्य में स्थित यह मॉल घूमने फिरने का कोई शुल्क नहीं लेता है। यहां पर कई प्रकार के प्रचार वाले कार्यक्रम भी किए जाते हैं।
इस बीच लोगों को आकर्षित करने के लिए यहां पर लगातार लुभावने ऑफर चलते रहते हैं तो भोपाल घूमने वाले पर्यटन के पर्यटन पर्यटकों को यहां जरूर आना चाहिए और यहां पर शॉपिंग का आनंद लेना चाहिए। यहां पर गेमिंग जोन और प्रसिद्ध ब्रांड के भी स्टोर हैं। यहां पर घूमने वाले पर्यटकों को एक लग्जरी लाइफ का आनंद मिलता है। इसीलिए या भोपाल में आकर्षण का केंद्र बना है।
भोपाल में घूमने लायक जगह क्रेन सेंट वाटर पार्क(cren sent water park)

भोपाल में स्थितियां क्रेन सेट वाटर पार्क लगभग 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह भोपाल का सबसे सुंदर वाटर पार्क कहा जाता है। इस पार्क में आपको वाटर डीजे राइट और पुलिंग। रैंडाल्स इसके अलावा अन्य अनेक प्रकार की। आकर्षक राइट्स मिलती हैं।
यह पार्क स्थानीय लोगों के साथ साथ आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।
भोपाल में घूमने लायक जगह सैर सपाटा(ghumne layak jagah sair sapata)

भोपाल में मनोरंजन के लिए सैर सपाटा एक अपना ही अलग स्थान रखता है। इस सैर सपाटा में विशेषकर कपल्स के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान की गई हैं इसके अलावा इस पार्क में कार रेसिंग जो रिंग पैदल यात्रा आदि की अनेक गतिविधियां प्रेरकों को दी जाती हैं।
यह विशाल क्षेत्र लगभग 25 एकड़ में फैला हुआ है। इसी सैर सपाटा में लक्ष्मण झूले की ही तरह एक स्लैब के साथ एक पुल बना है। इस पुल के बारे में ऐसा कहा जाता है कि भारत का यह सबसे प्राचीन और पहला पैदल यात्री पुल है। वर्तमान समय में यह पर्यटकों और स्थानीय लोग के बीच में काफी प्रचलित है।
भोपाल का प्रसिद्ध व्यंजन( famaus food in bhopal )
भोपाल के प्रसिद्ध व्यंजन में पोहा, जलेबी और स्पेशल पोहा, इंदौरी, नमकीन और दाल बाफला आदि हैं। ये चीजे पुरे भोपाल लगभग सभी होटलो और ठेले पर मिल जाती है |
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