
माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र खूबसूरत हिल स्टेशन है यहां का शांत वातावरण और प्राकृतिक हरियाली को देखने के लिए यहां पर लाखों पर्यटक आते हैं| माउंट आबू ऊंचे पथरीली पठार पर चारों ओर से घने जंगलों से घिरा हुआ खूबसूरत हिल स्टेशन है|
यह राजस्थान का प्रमुख पर्यटन केंद्र भी माना जाता है माउंट आबू में घूमने के लिए काफी अच्छी और शांत जगह हैं जैन दिलवाड़ा मंदिर, नक्की झील, टोड रॉक, गुरु शिखर, अर्बुदा देवी मंदिर, रघुनाथ मंदिर, अचलगढ़ किला आदि कई प्रमुख पर्यटन केंद्र हैं|
ऊंचाई पर होने के कारण इस क्षेत्र से नीचे के परिदृश्य को देखने पर अत्यंत मनोरम दृश्य महसूस होता है तो दोस्तों आइए जानते हैं माउंट आबू के कुछ प्रमुख पर्यटन केंद्रों के बारे में
माउंट आबू का खूबसूरत पर्यटन केंद्र नक्की झील
नक्की झील माउंट आबू के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में से एक हैं खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य से भरपूर यह झील पर्यटकों के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र है यह भारत की पहली मानव निर्मित झील मानी जाती है जिसकी गहराई 11000 मीटर और चौड़ाई लगभग 1 मील की है यह विशाल झील पर्यटकों के लिए नौका विहार का प्रमुख साधन है |
इस झील के शांत वातावरण और यहां चलने वाली सुगंधित हवाओं के कारण इस झील में वोटिंग करना परम सुख का अनुभव कराता है इसके साथ-साथ इस दिल में कुछ ऐतिहासिक घटनाएं भी जुड़ी हैं|
जिनमें महात्मा गांधी की राख को यहीं पर प्रभावित किया गया था इसके साथ-साथ फोटोग्राफी के शौकीन लोग भी यहां काफी अधिक संख्या में आते हैं|
माउंट आबू से नक्की झील की दूरी= 1.5 किलोमीटर
माउंट आबू का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल दिलवाड़ा जैन मंदिर
माउंट आबू स्थित दिलवाड़ा जैन मंदिर प्राचीन भारत की उत्कृष्ट कलाकारी का एक आश्चर्यजनक उदाहरण है|
दिलवाड़ा जैन मंदिर की तुलना ताजमहल से की जाती है बाहर से देखने में यह मंदिर बेहद ही साधारण दिखता है परंतु जब आप अंदर प्रवेश करेंगे तो इसकी नक्काशी देखकर आश्चर्यचकित रह जाएंगे संगमरमर से निर्मित यह मंदिर 5 मंदिरों से मिलकर बना है |
इसकी मूर्तियां अत्यंत भव्य और सजीव है इसको देखकर पर्यटक आश्चर्यचकित हो जाते हैं जैनों का यह प्रसिद्ध मंदिर लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है इस भव्य मंदिर का निर्माण 11 वीं शताब्दी से लेकर 13 वीं शताब्दी तक हुआ परंतु आज भी देखने में यह बेहद भव्य और नया दिखता है |
पांचों मंदिरों की अपनी-अपनी विशेषता है दोस्तों अगर आप माउंट आबू घूमने जा रहे हैं तो एक बार दिलवाड़ा जैन मंदिर जरूर जाएं|
माउंट आबू से दिलवाड़ा जैन मंदिर की दूरी =03 किलोमीटर
माउंट आबू का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल गोमुख मंदिर

माउंट आबू से 2 किलोमीटर दूरी पर स्थित यह मंदिर भगवान शिव और उनके शिष्य नंदी को समर्पित है
इसके साथ-साथ इस मंदिर की अत्यंत प्राचीन घटनाएं भी पर्यटको को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं|
प्रमुख मंदिर के दर्शन के लिए 700 सीढ़ियों की चढ़ाई करके आप यहां पहुंच सकते हैं सीढ़ियां के आसपास का दृश्य आतंक मनोरम और भव्य है इस मंदिर में भगवान राम गुरु वशिष्ठ और श्री कृष्ण के भव्य मूर्तियां विराजमान है|
ऋषि वशिष्ठ को समर्पित यह मंदिर अनेक ऐतिहासिक घटनाओं को अपनी ओर समेटे हुए हैं रामायण के अनुसार यहां पर वनवास के दौरान श्री राम और लक्ष्मण ज्ञान प्राप्ति के लिए आए थे इसके साथ-साथ महर्षि वशिष्ठ का यज्ञ कुंड भी यहां के प्रमुख आकर्षणों में से एक है|
इसके साथ-साथ इस मंदिर के पास से ही ट्रेकिंग के लिए आदर्श स्थान हैं यहां पर ट्रैकिंग करने के लिए देश-विदेश से पर्यटक काफी अधिक संख्या में आते हैं|
माउंट आबू से गोमुख मंदिर की दूरी =5 किलोमीटर
माउंट आबू का प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल अर्बुदा देवी मंदिर

अर्बुदा देवी मंदिर को माउंट आबू का सबसे प्रसिद्ध और पवित्र तीर्थ बिंदु माना जाता है यह 51 शक्तिपीठों में से एक है नवरात्र के महीने में पूरा माउंट आबू अर्बुदा देवी के भक्तों से भर जाता है |
यहां पर विशेष मेले का आयोजन किया जाता है यहां स्थित अर्बुदा देवी को मां कात्यायनी का ही स्वरूप माना जाता है यह मंदिर एक गुफा के अंदर स्थित है जहां पहुंचने के लिए आपको 365 सीढ़ियां चलनी पड़ती हैं पास ही में एक दूध जैसे पानी का बना हुआ कुआं है यह कुआं पूरे मंदिर के पानी का एकमात्र स्त्रोत है |
इस कुएं को स्थानीय निवासी कामधेनु के रूप में पूछते हैं|
इस मंदिर को भारत के सबसे ऊंचे और चट्टानों पर स्थित मंदिरों में से एक माना जाता है|
माउंट आबू से अर्बुदा देवी मंदिर की दूरी =02 किलोमीटर
माउंट आबू का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल टॉड रॉक

टोड रॉक को माउंट आबू आने वाले पर्यटकों के द्वारा सबसे ज्यादा देखी जाने वाली जगह माना जाता है यहां पर कई बड़ी-बड़ी चट्टानें आपको देखने को मिल जाएंगे जिन पर चढ़कर आप यहां के खूबसूरत वातावरण और अजीब आकृति की चट्टानों को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं|
टोड रॉक को माउंट आबू का शुभंकर भी माना जाता है टॉड रॉक के पास स्थित झील और इसके आसपास का प्राकृतिक और हरियाली से भरा हुआ वातावरण लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है|
माउंट आबू से टोड रॉक की दूरी= 2 किलोमीटर
माउंट आबू का लोकप्रिय रघुनाथ मंदिर

माउंट आबू की प्रसिद्ध निक्की झील के तट पर स्थित रघुनाथ मंदिर लगभग 650 साल पुराना है इस प्राचीन मंदिर को भगवान विष्णु के अवतार के रूप में भी जाना जाता है |
श्री रघुनाथ जी के बारे में जाना जाता है कि वह अपने भक्तों की सभी दर्द और समस्याओं से मुक्ति दिलाते हैं इस मंदिर की दीवारों पर मेवाड़ स्थापित कला का उत्कृष्ट नमूना देखने को मिलता है |
रघुनाथ मंदिर में रघुनाथ जी की उत्कृष्ट नमूने की मूर्ति को देखने के लिए देश भर से पर्यटक और भक्त यहां पर आते हैं|
रघुनाथ मंदिर को पृथ्वी का सबसे पवित्र मंदिर भी माना जाता है|
माउंट आबू से रघुनाथ मंदिर की दूरी= 2 किलोमीटर
माउंट आबू का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सनसेट पॉइंट

दोस्तों जब भी आप माउंट आबू की यात्रा पर जाए तो सनसेट पॉइंट जाना ना भूलें यहां का मनोरम दृश्य आप को मंत्रमुग्ध कर देगा|
सनसेट पॉइंट पर पहुंच कर आप अरावली की घनी पहाड़ी इलाकों के ऊपर सूर्य की किरणों को रंग को बदलते हुए देखकर भावविभोर हो जाएंगे यहां का नजारा बेहद ही खूबसूरत और देखने लायक होता है |
शाम के समय पर यहां पर डूबते हुए सूरज को देखने के लिए काफी अधिक संख्या में पर्यटक आते हैं शाम के समय सूरज की रोशनी जब अरावली की चोटियों पर और उनके प्राकृतिक हरियाली पर पड़ती है तो एक विशेष रंग संयोजन बनाती है शहर की भीड़भाड़ से अलग यह क्षेत्र बेहद शांत वातावरण प्रस्तुत करता है|
माउंट आबू से सनसेट पॉइंट की दूरी= 3 किलोमीटर
राजस्थान का प्राचीन अचलगढ़ किला

अचलगढ़ किला राजस्थान के सबसे प्राचीन किलो में से एक है राजस्थान के अचलगढ़ गांव में स्थित यह किला अपनी खूबसूरती के लिए विख्यात है इसके लिए के प्रांगण में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदाकिनी झील पर्यटकों के विशेष आकर्षण का केंद्र है अचलेश्वर महादेव के प्रांगण में स्थित नंदी की प्रतिमा पंच धातुओं से निर्मित है यह किला इतिहास प्रेमियों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी एक प्रसिद्ध स्थान है क्या का प्राचीन धार्मिक महत्व का मंदिर और पुरातत्व विभाग के लिए भी यह कौतूहल का विषय है|
दोस्तों जब भी आप माउंट आबू की यात्रा पर जाए तो एक बार अचलगढ़ किला जरूर जाएं|
माउंट आबू से अचलगढ़ किले की दूरी= 10 किलोमीटर
माउंट आबू का सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल गुरु शिखर

माउंट आबू से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गुरु शिखर अरावली रेंज की सबसे ऊंची चोटी है यहां से माउंट आबू के प्रमुख हिल स्टेशनों को आप आसानी से देख सकते हैं गुरु शिखर की समुद्र तल से ऊंचाई 1730 फिट की है जिसकी वजह से यहां से पूरे माउंट आबू का दृश्य बेहद ही खूबसूरत प्रतीत होता है|
गुरु शिखर पर आबू वेधशाला और भगवान दत्तात्रेय का गुफा मंदिर प्रसिद्ध है दत्तात्रेय का गुफा मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है यहां पर सबसे ज्यादा पर्यटक अक्टूबर और नवंबर के महीने में आते हैं क्योंकि इन महीनों में यहां पर बेहद ही घने बादल और धुंध हो जाते हैं |
यहां पहुंचने पर ऐसा लगता है कि आप यहां बादलों के बीच चल रहे हो जिसको देखकर पर्यटक आश्चर्यचकित और यहां की खूबसूरती से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं यह माउंट आबू के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन केंद्रों में से एक है|
माउंट आबू से गुरु शिखर की दूरी =11 किलोमीटर
माउंट आबू का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल वन्य जीव अभ्यारण
माउंट आबू वन्यजीव अभ्यारण छोटा परंतु अनेक प्रकार की जैव विविधता वाला स्थान है यह अभ्यारण पूरी तरह से प्राकृतिक परिवेश में बनाया गया है या अभ्यारण माउंट आबू के सबसे प्राचीन क्षेत्रों में से एक है इन क्षेत्रों को और वनस्पति और जीव जंतु को संग्रहित करने के लिए इस अभ्यारण का निर्माण किया गया माउंट आबू घूमने आए पर्यटक वन्यजीवों के साथ-साथ जीवंत वनस्पतियों को देखने के लिए यहां पर काफी अधिक संख्या में आते हैं|
माउंट आबू घूमने के लिए कितने दिन का समय पर्याप्त है?
दोस्तों हम आपको जानकारी देने की माउंट आबू एक बेहद खूबसूरत पठारी इलाका है अगर आपने यहां घूमने का प्लान बनाया है तो आपको 2 से 3 दिन का समय पर्याप्त होगा|
इन 2 से 3 दिनों की ट्रिप में आप लगभग पूरे माउंट आबू के पर्यटन केंद्रों को आसानी से और सुविधाजनक तरीके से देख सकते हैं|
माउंट आबू घूमने जाने का सबसे अच्छा समय
माउंट आबू में घूमने जाने का सबसे अच्छा समय की बात की जाए तो यहां का सबसे अच्छा समय जुलाई से फरवरी तक का माना जाता है वैसे तो यहां वर्ष भर पर्यटकों की अच्छी खासी संख्या होती है परंतु जुलाई से फरवरी तक का मौसम बेहद ही सुखद होता है अरावली रेंज की पहाड़ियों और राजस्थान की एकमात्र रेलवे स्टेशन होने की वजह से यहां का दृश्य बेहद ही मनमोहक और आनंददायक होता है|
माउंट आबू में फेमस क्या है?
माउंट आबू आबू में फेमस चीजों की बात करें तो यहां रॉक क्लाइंबिंग और ट्रेकिंग के लिए यह स्थान बेहद मशहूर है पहाड़ी इलाका होने के कारण ट्रेकिंग के लिए यह एक आदर्श जगह है यहां पर मानव निर्मित ट्रेकिंग के साथ-साथ कुछ नेचुरल ट्रैकिंग स्थान भी हैं इसके साथ-साथ माउंट आबू में घुड़सवारी और हॉट एयर बैलून की भी सवारी का आनंद ले सकते हैं जिसके माध्यम से आप माउंट आबू की खूबसूरती को आसमान से देख सकते हैं|
माउंटआबू का स्थानीय भोजन
राजस्थान का स्थानीय भोजन अत्यंत सादा और शाकाहारी होता है आप जब भी यहां घूमने जाए तो यह विचार मन से निकाल दे कि यहां पर मांसाहारी भोजन आपको मिलना मिलेगा क्योंकि जैन धर्म के प्रवर्तकओं के यहां होने की वजह से यहां का अधिकांश भोजन शाकाहारी ही होता है |
आपको यहां पर स्थानीय भोजन के साथ-साथ राजस्थानी और चीनी भोजन भी आसानी से मिल जाएंगे परंतु सबसे बेहतर यही होगा कि आप स्थानीय व्यंजनों का स्वाद ले|
माउंट आबू कैसे पहुंचे?
ट्रेन द्वारा माउंट आबू कैसे पहुंचे?
दोस्तो ट्रेन के द्वारा अगर आप माउंट आबू पहुंचना चाहते हैं तो यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन जयपुर और अहमदाबाद में जहां से आप माउंट आबू पहुंच सकते हैं परंतु आप जयपुर और अहमदाबाद के अलावा अन्य किसी शहर से आ रहे हैं तो टैक्सी को प्राथमिकता दें जिससे आपको समय की बचत होगी|
आपको जानकारी देने की नई दिल्ली से अहमदाबाद के लिए चार ट्रेनें चलती हैं|
बस द्वारा माउंट आबू कैसे पहुंचे?
बस द्वारा माउंट आबू आना चाहते हैं तो आप राज्य परिवहन बस निगम की बसों के द्वारा आसानी से यहां पहुंच सकते हैं दिल्ली से उदयपुर की नियमित बसें चलती हैं उदयपुर आने के पश्चात आपको दूसरी बस या टैक्सी करनी पड़ेगी|
नई दिल्ली से माउंट आबू की दूरी 760 किलोमीटर है
हवाई जहाज द्वारा माउंट आबू कैसे पहुंचे?
अगर आप हवाई जहाज के द्वारा माउंट आबू पहुंचना चाहते हैं तो माउंट आबू का कोई हवाई अड्डा नहीं है इसके लिए आपको यहां का निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर हवाई अड्डा है जो कि माउंट आबू से लगभग 180 किलोमीटर की दूरी पर है हवाई अड्डे के बाहर से आपको नियमित प्राइवेट कैब और बसें माउंट आबू तक पहुंचा देती हैं| अगर आप देश के बाहर से माउंट आबू आना चाहते हैं तो आपके लिए अहमदाबाद हवाई अड्डा सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है|
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