
कानपुर जिले के सर्वोदय नगर में स्थित राधाकृष्ण मंदिर जिसको जे के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है कानपुर की सबसे सुंदर मंदिरों में से एक है।
इस मंदिर में प्राचीन और आधुनिक शैली का अनूठा संगम देखने को मिलता है। इसके साथ-साथ कानपुर के सबसे ऊंचा मंदिर होने का भी इसको ख्याति प्राप्त है। तो आइए जानते हैं जे के मंदिर राधा कृष्ण मंदिर के बारे में कुछ रोचक जानकारियां।

जेके मंदिर का इतिहास( history of J k temple in hindi)
श्री राधा कृष्ण मंदिर जेके मंदिर का निर्माण आज से लगभग 50 वर्ष पूर्व 1960 में पूरा हुआ था इस भव्य मंदिर का निर्माण सिंघानिया परिवार के जेके ट्रस्ट ने कराया था। या मंदिर प्राचीन और नवीन वास्तुकला का अनूठा संगम है। मंदिर की ऊंचाई को जैसे मंडे को की छत काफी ऊंची है जिससे हवा और प्रकाश आसानी से मंदिर के अंदर प्रवेश करता है।
मंदिर के प्रमुख देवता( The presiding deity of the temple in HINDI)
जे के मंदिर के प्रमुख देवता राधा कृष्ण की सुंदर नक्काशी दार मूर्तियां हैं। इसके अलावा चार अन्य मंदिर है जिनमें लक्ष्मी नारायण मंदिर अर्धनारीश्वर मंदिर नर्वदेश्वर मंदिर और हनुमान जी मंदिर है।
इनकी नक्काशी इतनी सुंदर है कि इसको देखकर श्रद्धालु यहां की सजावट और मूर्तियों की नक्काशी में ही खो जाते हैं।

मंदिर के चारों ओर स्थित सुंदर झील और फव्वारे(Beautiful lakes and fountains around the temple in hindi)
जी हां या मंदिर काफी बड़े क्षेत्र में बनाया हुआ है और इस मंदिर के दोनों तरफ सुंदर झील और फव्वारे लगाए गए हैं शाम के समय या मंदिर सुनहरे रंग से रंग जाता है रोशनी से जगमगाता वह मंदिर सबका ध्यान आकर्षित करता है। जेल में उभरती हुई मंदिर की पूरी छाया लोगों को फोटोग्राफी करने के लिए मजबूर कर देती है जबकि यहां पर फोटोग्राफी पूरी तरह से बैन होती है इसके लिए आपको स्पेशल परमिशन लेने की आवश्यकता होती है।
शादी के लिए कपल्स का विशेष रूप से मंदिर आना(Couples specially come to the temple for marriage in hindi)
इस मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों के साथ साथ शादी के बंधन में बंधने के लिए वर और वधू पक्ष के लोग भी आकर यहां पर लड़की दिखाई की रस्म सगाई की रस्म आदि मंदिर के सामने स्थित झील के बगीचे में बैठकर करते हैं। भक्तों के अनुसार यहां पर बनने वाले जीवन की डोर कभी नहीं टूटती और पति पत्नी सुखी पूर्वक अपना जीवन यापन करते हैं।
जेके मंदिर सकारात्मक ऊर्जा का भंडार है(JK Temple is a storehouse of positive energy in hindi)
जी हां यहां पर सकारात्मक ऊर्जा स्वयं महसूस होती है। इस मंदिर के निर्माण पर पंच तत्वों का सही संयोजन करने का विशेष ध्यान रखा गया है। अगर आप पर्यटक रूप में यहां आएंगे तो स्वयं ही इस बात को अनुभूति करेंगे। भक्तों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण पंच तत्व पृथ्वी जल अग्नि वायु और आकाश के सही क्रम से किया गया है इसी की वजह से यहां पर आने वाले भक्तों को सकारात्मक ऊर्जा स्वयं महसूस होने लगती है।

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जेके टेंपल कैसे पहुंचे?(how to reach in hindi)
वायु मार्ग द्वारा
अगर आप वायु मार्ग से यहां पहुंचना चाहते हैं तो निकटतम हवाई अड्डा चकेरी हवाई अड्डा है यहां से आप प्राइवेट कैरियर टैक्सी के माध्यम से आसानी से जेके टेंपल पहुंच सकते हैं।
रेल परिवहन द्वारा
रेल परिवहन के साधन से अगर आप जेके टेंपल आना चाहते हैं तो यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन कानपुर सेंट्रल है कानपुर सेंट्रल से जेके टेंपल की कुल दूरी 7 किलोमीटर की है।
बस परिवहन द्वारा
अगर अब बस यह स्थानीय परिवहन के साधन से लेकर टेंपल पढ़ना चाहते हैं तो कानपुर के किसी भी कोने से आप बेहद ही आसान साधनों से यहां पहुंच सकते हैं।
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जे के मंदिर में आरती का समय क्या हैं ?
जे के मंदिर में आरती दिन में दो बार होती हैं पहली आरती का समय प्रातः 10 बजे जबकि दूसरी आरती सायं 7 बजे होती है। जोरदार ढोल नगाड़ो और शंख की ध्वनि से आरती करते समय भक्तिमय माहौल हो जाता हैं।
जे के मंदिर खुलने का समय क्या होता है ?
जे के मंदिर खुलने समय प्रातः 6 बजे से 11 बजे तक और 4 बजे से रात्रि 10 बजे तक निर्धारित होता हैं।
क्या जे के मंदिर में तालाब और फव्वारे हैं ?
जी हाँ मंदिर चारो तरफ खूबसूरत कृतिम तालाब बनाये गए हैं जिनमे लगे बड़े बड़े फव्वारे जे के मंदिर की शोभा बढ़ाते हैं।
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