ताजमहल के 23 वो रहस्य जिनको जानकर लोग आश्चर्यचकित हो जाते है

tajmahal ke rahashya image
Agra, India

ताजमहल के 23 प्रमुख रहस्य

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन जब भारत आए थे तो ताजमहल को देखने के बाद उन्होंने कहा था “आज मुझे एहसास हुआ इस दुनिया में दो ही तरह के लोग हैं एक वह जिन्होंने ताज देखा है, दूसरे को जिन्होंने ताज नहीं देखा, होंगी इस दुनिया में एक से बढ़कर एक खूबसूरत इमारतें लेकिन ताज जैसी कोई नहीं क्योंकि इसकी बुनियाद में एक बादशाह ने अपना “दिल” रखा है ।”

आज इस लेख को पूरा पढ़कर आप ताजमहल के बारे में 23 ऐसी बातें जानोगे जो शायद ही आपने पहले कभी सुनी होगी । तो चलिए शुरू करते हैं।

23.ताजमहल के नीचे हज़ार कमरो का होना

ऐसा कहा जाता है कि ताजमहल जितना ऊँचा है उतना ही नीचे भी बना हुआ है। ताजमहल के नीचे हज़ार कमरे बने हुए है। इन कमरों को खोलने की इजाजत किसी को भी नहीं है। इन कमरों तक पहुंचने के लिए चबूतरे के बगल से एक रास्ता गया है।

23. ताजमहल के पीछे से पर्यटकों का ताजमहल को देखना

हजारों टूरिस्ट जो ताजमहल देखने आते हैं वह यह नहीं जानते कि जो वह सामने देख रहे हैं वह ताजमहल का पिछला हिस्सा है दरअसल जो शाही दरवाजा है वह नदी के किनारे दूसरी तरफ है आज ज्यादातर टूरिस्ट ताज को वैसा नहीं देख पाते जैसा कि शाहजहां चाहते थे मुगल काल में ताज तक पहुंचने के लिए नदी ही मुख्य रास्ता थी यह एक तरह का हाईवे था बादशाह और उनके शाही मेहमान नाव में बैठकर आते थे नदी के किनारे एक चबूतरा हुआ था । नदी बढ़ती गई और वह बहुत पहले ही नष्ट हो गया । बादशाह और उनके मेहमान उसी चबूतरे से आ जाया करते थे ।

21. ताजमहल बनाने वाले मजदूरों का हाथ कटवा देना

यह कहा जाता रहा है कि शाहजहां ने ताजमहल बनाने वाले मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे लेकिन यह बात एक अफवाह जैसी लगती है क्योंकि इस बात का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है बहुत से इतिहासकारों का मानना है कि शाहजहां ने मजदूरों और कारीगरों को जिंदगी भर की पगार देकर उनसे करारनामा लिखवाया था कि वह ऐसी कोई दूसरी इमारत नहीं वो नहीं बनाएंगे।

20 . ताजमहल की चारो मीनारों का बाहर की तरफ झुका होना।

ताजमहल की जो चारमीनार हैं यह बिल्कुल सीधी नहीं खड़ी है बल्कि चारों बाहर की और हल्की झुकी हुई है। इनको यह सोचकर बनाया गया था ताकि भूकंप जैसी आपदा आने पर अगर यह गिरे भी तो बाहर की ओर गिरे और मुख्य मकबरे को कोई नुकसान ना पहुंचे 

Sunrise at the Taj Mahal from the Yamuna River, Agra, Uttar Pradesh, India

19. ताजमहल की ऊंचाई सबसे ज्यादा होना।   

कुतुब मीनार भारत की सबसे ऊंची मीनार है लेकिन शायद आपको जानकर हैरानी हो ताजमहल की ऊंचाई कुतुब मीनार से भी ज्यादा है ताजमहल है जबकि कुतुब मीनार की ऊंचाई मीटर है ।

18.ताजमहल की सुन्दर कैलीग्राफी

 दुनिया में जितनी भी कैलिग्राफी मौजूद हैं उनमें से सबसे सुंदर कैलिग्राफी ताज पर हुई है। जैसे ही आप ताज के बड़े दरवाजे से अंदर जाते हो दरवाजे पर लिखा यह सुलेख आपका स्वागत करता है :

“हे आत्मा तू ईश्वर के पास विश्राम कर ईश्वर के पास शांति के साथ रहे और उसकी परम शांति तुझ पर बरसे ।”

यह कैलीग्राफी फ्लूट लिपि में है इस कैलीग्राफी को डिजाइन करने वाले का नाम अब्दुल हक था जिसे ईरान से बुलाया गया था शाहजहां ने उसकी चकाचौंध कर देने वाली कला को देखते हुए उसे अमानत खान नाम दिया उपाधि के तौर पर ।

17 . शाहजहां का बड़ी इमारते बनवाने का शौक।

जिस वक्त शाहजहां बादशाह बने वह मुगल सल्तनत का सबसे सुनहरा दौर था या यूं कहें शाहजहां का जमाना मुगल हुकूमत की बसंत जैसा था चारों तरफ अमन और खुशहाली थी प्रजा के लिए बादशाह का हुकुम यह सबसे ऊंचा होता था शाहजहां की बादशाहत में लड़ाईया नहीं होती थी ।वह जबरदस्त शानो शौकत का दौर था । बादशाह को बड़ी-बड़ी इमारतें बनवाने का शौक था उन्होंने मुगल वास्तुकला के साथ भारत के प्राचीन इतिहास को मिला दिया था।

 16 . ताजमहल के निर्माण के लिए विदेशो से सामान मंगवाना

ऐसी इमारत दुनिया ने पहले कभी नहीं देखी थी जिसके लिए सफेद संगमरमर मकराना राजस्थान से मंगवाया गया था। संगमरमर राजस्थान के मकराना से लाया गया था जैफ क्रिस्टल चाइना से, लाजुली अफगानिस्तान से, तर्कोइज तिब्बत से, जैस्पर पंजाब से और कार्नेलियन अरब से आया था कुल मिलाकर ऐसे ही 25 किस्म के बेशकीमती रत्नों को सफेद संगमरमर में लगाया गया था इन सब चीजों को विदेश से यहां लाने के लिए 1000 से भी ज्यादा हाथी इस्तेमाल किए गए थे।

15. ताजमहल की सुंदर बनावट

1631 में ताजमहल बनना शुरू हुआ था और यह 22 साल बाद 1653 में पूरा हुआ ।इसका निर्माण हजारों कारीगरों और मजदूरों ने किया था । वास्तुकला का इससे शानदार नमूना दुनिया में दूसरा कोई भी नहीं । ताजमहल के निर्माण के लिए हर चीज को हीरे की तरह परख कर चुना गया था । ताजमहल की दीवारों पर जो नक्काशी है इसकी तकनीक इटली के कारीगरों से सीखी गई थी। उज़्बेकिस्तान के बुखारा से संगमरमर को तराशने वाले कारीगर बुलाए गए थे ।अरब से संगमरमर पर कैलीग्राफी करने वाले कारीगर आए थे। और पत्थर को तराशने के लिए बलूचिस्तान के कारीगरों को बुलाया गया था।

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14 . अंग्रेजो द्वारा ताजमहल को नुकसान पहुँचाना

1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेजों ने ताज को काफी नुकसान पहुंचाया उन्होंने लेपिस लजूली जैसे कई बेशकीमती रत्नों को ताजमहल की दीवारों से खोदकर निकाल लिया था।

This UNESCO World Heritage Site was built by the Mughal Emperor Shah Jahan for his wife Mumtaz Mahal between 1632 and 1648

 13 . ताजमहल के गुम्बद सोने का होना।

ताजमहल के मुख्य गुंबद का जो कलश है किसी जमाने में वह सोने का हुआ करता था 19 वी सदी की शुरुआत में सोने के कलश को बदलकर कासे का कलश लगा दिया गया ।

12. ताजमहल के डिज़ाइन के लिए विदेशी डिज़ाइनरो को बुलाना।

दावे के साथ नहीं कहा जा सकता कि ताजमहल को किसने डिजाइन किया था लेकिन यह कहा जाता है कि 37 लोगों की टीम ने मिलकर ताजमहल का नक्शा तैयार किया था यह 37 वास्तुकार दुनिया के दूर-दूर के कोणों से बुलाए गए थे ।

11 . ताजमहल के नीचे नींव की मज़बूती के लिए कुओ और लकड़ियों का होना।

ताजमहल की नींव बनाते समय ताज के चारों और बहुत से कुएं खोदे गए इन कुवो में ईंट पत्थर के साथ-साथ आबनूस और महोगनी की लकड़ियों के लट्ठे डाले गए यह कुए ताज़ की नींव को मजबूत बनाते हैं। आबनूस और महोगनी की लकड़ियों में यह खासियत होती है कि इन्हें जितनी नमी मिलती रहेगी यह उतनी ही फौलादी और मजबूत रहेगी और इन लकड़ियों को नमी ताज के पास बहने वाली यमुना नदी के पानी से मिलती है ।यमुना के पानी का स्तर हर साल घट रहा है और लकड़ियों में नमी की कमी आ गई है यही वजह है कि सन 2010 में ताज में दरारें देखी गई ।

10 . ताजहमल के निर्माण में लगने वाली कुल लागत

1653 में जब ताज बनकर तैयार हुआ था तब इस्के निर्माण में 32 करोड़ लगे थे। यही ताज अगर आज बनवाया जाए तो इसे बनाने में कम से कम 57 अरब 60 करोड़ रूपए लगेंगे।

09. ताजमहल के शिव मंदिर होने का विवाद

1889 में एक भारतीय लेखक पीएन ऑक ने एक किताब लिखी थी जिसका नाम था “ताजमहल द ट्रू स्टोरी” ।इस किताब में उन्होंने कई तथ्यों के साथ ही दावा किया था कि ताजमहल मकबरा बनने से पहले एक शिव मंदिर था और इसका नाम “तेजो महालय” था। सन 2000 में अपनी अपनी बात को सिद्ध करने के लिए ताज की साइट खोदने के लिए सुप्रीम कोर्ट को अर्जी दी थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया।

ऑर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के मुताबिक ताजमहल कभी एक शिव मंदिर था इस बात के कोई सबूत नहीं है बल्कि शाहजहां ने ताज को बनवाया था इसके प्रमाण ही इतिहास के पन्नों में मिलते हैं।

Taj Mahal, Agra, India in the lights of the sunset.

08 . शाहजहाँ द्वारा ताजमहल के सामने काला ताजमहल बनवाने का सपना

एक कहानी प्रसिद्ध है कि शाहजहां यमुना नदी के दूसरी तरफ काले संगमरमर से ऐसा ही एक और काला ताजमहल बनाना चाहते थे ।कहा जाता है कि शाहजहां मुमताज की तरह अपने लिए भी एक मकबरा बनाना चाहते थे लेकिन इससे पहले कि वह काला ताजमहल बनवा पाए औरंगजेब ने उनको कैद खाने में डलवा दिया ।

लेकिन इतिहासकार कहते हैं कि यह बाद में बनाई गई मनगढ़ंत कहानियां है जिस जगह शाहजहां के काला ताज बनवाने की बात कही जाती है वहां कई बार खुदाई की जा चुकी है लेकिन ऐसा कोई सुबूत नहीं मिला जिससे यह पता चले कि शाहजहां का काला ताजमहल बनवाना चाहते थे।

 7. ताजमहल का हुमायूँ के मकबरे से प्रेरित होकर बनना।

ताजमहल का डिजाइन हुमायूं के मकबरे से प्रेरित दिखता है। हुमायूं शाहजहां के परदादा थे उनका यह मकबरा अगले वर्षों तक कई मुगल इमारतों के लिए प्रेरणा बना।

06.विश्व युद्ध के समय ताजमहल की सेफ्टी सरकार के द्वारा करवाना।

विश्व युद्ध में सरकार ने मकबरे के चारों ओर बांस का घेरा बनाकर सुरक्षा कवच तैयार कराया था जिससे कि हवाई बंबा जो को भ्रमित किया जा सके और यह जर्मन और जापानी हवाई हमलों से सुरक्षा प्रदान कर पाए 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय भी यही किया गया था ।

Tajmahal ke rahasya photo
Reflection of elephant & rider in Yamuna River at sunrise with Taj Mahal beyond.
05. ताजमहल की नक़ल वाली कई इमारतों का होना।

कई देशों में ताजमहल की नकल पर बनी इमारतें मौजूद है जैसे चीन बांग्लादेश और कोलंबिया में और ऐसी एक इमारत भारत में भी मौजूद है बीबी का मकबरा यह इमारत महाराष्ट्र के औरंगाबाद में है इसे मुगल बादशाह आजम शाह ने अपनी मां दिलरस बानो बेगम की याद में 17वीं सदी के आखिर में बनवाया था इसे ताजमहल की तर्ज पर बनवाया गया था इस मकबरे का गुंबद ताजमहल के गुंबद से छोटा है और इसका सिर्फ गुंबद ही संगमरमर का है बाकी निर्माण प्लास्टर से किया गया है।

 4. ताजमहल की प्रेम कहानी

ताजमहल की सबसे ज्यादा लोकप्रियता इसके निर्माण से जुड़ी अद्भुत प्रेम कहानी की वजह से है।बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में इस इमारत को बनवाया था। मुमताज का असली नाम अर्जुम्मन बानो बेगम था शाहजहां ने उन्हें मुमताज महल नाम दिया यानी महल का सबसे अनमोल रत्न 38 साल की उम्र में अपनी चौदहवीं संतान को जन्म देते वक्त मुमताज की मृत्यु हो गयी। उस उस वक्त को बुरहानपुर में थी अपने प्रिय बेगम की मृत्यु से बादशाह बेहद दुखी हुए जैसे उनकी जिंदगी तबाह हो गई और आखिर उनकी याद में ताजमहल को बनवाने का फरमान जारी किया।

 03 . मुमताज की लाश को 22 साल बाद ताजमहल में लाना।

 मुमताज को बुरहानपुर में ही दफनाया गया इसके बाद शाहजहां ने ताज को बनवाना शुरू किया तब बुरहानपुर से मुमताज के शव को निकालकर जहां ताजमहल बन रहा था उसके पास एक बगीचे में दफनाया गया ताजमहल को तैयार होने में 22 साल लगे तब तक मुमताज की कब्र  बगीचे में ही रही।22 साल बाद ताजमहल के बन जाने के बाद मुमताज को मुख्य गुंबद के नीचे ताजमहल में दफनाया गया।

02.शाहजहां को उनके बेटे द्वारा कैद कर दिया जाना।

चाचा का सारा ध्यान राज को ही खूबसूरत रूप देने में लगा रहा शाहजहां के ही बैठे औरंगजेब ने आगरा पर हमला कर अपने पिता को कैद कर लिया शाहजहां से पूछा गया कि वह क्या चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि उनको ऐसी जगह पर कैदी बनाकर रखा जाए जहां से वह सीधे ताज को देख पाए और उनकी यह ख्वाहिश पूरी कर दी गई कैद में रहते हुए भी शाहजहां हर वक्त ताज को देखते रहते और वही उन्होंने अपनी जिंदगी की आखिरी सांस ली मृत्यु के बाद उन्हें मुमताज के साथ ही ताजमहल में दफनाया गया। एक हारे थके बादशाह को भी अगर किसी ने गिरने नहीं दिया तो वह मुमताज के लिए उनका बेपनाह प्यार ही था जिस लगन से प्यार की अनोखी निशानी बनकर तैयार हुई उसकी मिसाल आज पूरी दुनिया के सामने है।

01. ताजमहल के बारे में टैगोर जी की टिप्पड़ी

 रविंद्र नाथ टैगोर ने ताजमहल के बारे में लिखा है वक्त के गाल पर एक आंसू हमेशा हमेशा के लिए ।

उन्होंने ताज की छवि वक्त के गाल पर एक थमे हुए आंसू के रूप में बयान की है ।शाहजहां जानते थे कि यह दौलत यह ताकत और यह शानो शौकत एक दिन सब खत्म हो जाएगा। उन्होंने सोचा कि कुछ यादगार चीज बनाई जाए जो हमेशा रहे और शाहजहां ने अपनी प्रिय की याद में ताज को बनवाया ।आज बादशाह नहीं रहा उनकी हुकूमत नहीं रही और उसकी सल्तनत को भी खत्म हुए जमाने गुजर गए बस एक ताज है ।जिसने बादशाह की सदियों पुरानी प्रेम कहानी को खुद में संजोए रखा है।

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23 प्रमुख रोचक तथ्य जिनको पढ़कर आपको ताज की खूबसूरती और उसके निर्माण संबंधी जानकारियां मिली होंगी ‌ हमें उम्मीद है आपको या हमारा लेख पसंद आया होगा हमारा यह लेख पसंद आने पर अपने दोस्तों को शेयर करना ना भूले

धन्यवाद।

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