
चार धाम यात्रा के विषय में संपूर्ण जानकारी
चार धाम यात्रा भारतवर्ष में सनातन धर्म को मानने वालों के लिए बहुत ही पवित्र यात्रा है। ऐसा लोगों का मानना है कि चार धाम यात्रा करने के पश्चात मनुष्य का जीवन सभी पापों से मुक्त हो जाता है। भारत के चारों दिशाओं पर स्थित प्राचीन चार धामों की यात्रा करने से चार धाम यात्रा पूर्ण होती है। इन चार धाम यात्राओ में भगवान बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पुरी, और रामेश्वरम की यात्रा मानी जाती है।
भारत के नक्शे पर चारों दिशाओं में स्थित यह धाम चार धाम के नाम से जाना जाता है। हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से चार धाम यात्रा के विषय में पूरी जानकारी उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं तो आइए देर न करते हुए शुरू करते हैं चार धाम की यात्रा के विषय में संपूर्ण जानकारी।
चार धाम के नाम- name of chardham
- पूर्व में जगन्नाथ पुरी उड़ीसा
- पश्चिम में द्वारकाधीश गुजरात
- उत्तर में बद्रीनाथ मंदिर उत्तराखंड
- दक्षिण में रामेश्वरम मंदिर तमिल नाडु
चार धामों में शामिल जगन्नाथ पुरी उड़ीसा के बारे में जानकारी
जगन्नाथ पुरी उड़ीसा

उड़ीसा राज्य के समुद्र के किनारे स्थित जगन्नाथ पुरी भगवान विष्णु को समर्पित एक भव्य मंदिर है का प्राचीन इतिहास बेहद पुराना है इस मंदिर की स्थापना का श्रेय आदि गुरु शंकराचार्य को जाता है। इस मंदिर के विषय में कई रोचक कथाएं आज भी प्रचलित हैं।
इस मंदिर में हर वर्ष जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा निकाली जाती है जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है इस मंदिर में केवल हिंदुओं का ही प्रवेश होता है। इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के साथ-साथ उनके भाई बलराम और उनकी बहन सुभद्रा की मूर्तियां विराजमान है जो हर वर्ष बदल दी जाती हैं।
जगन्नाथ पुरी उड़ीसा के बारे में रोचक जानकारी
- जगन्नाथ पुरी के मंदिर में प्रवेश करते ही आज से स्थित आ रही समुद्र की लहरों की आवाज बिल्कुल बंद हो जाती है। जबकि मंदिर के प्रवेश द्वार के बाहर आते ही समुद्र की लहरों की आवाज बहुत तेज गति से सुनाई देती है।
- जगन्नाथ पुरी के मंदिर की ध्वजा हमेशा हवा के विपरीत दिशा में लहराती है। इसका रहस्य कई विद्वान भी नहीं सुलझा पाए।
- सुबह हो या चंद्रमा की रोशनी इस मंदिर की परछाई कभी भी धरती पर नहीं पड़ती है।
- इस मंदिर से हवा का प्रभाव भी उल्टा होता है अफसर समुद्र तटों पर हवाएं समुद्र से तट की तरफ चलती है जबकि यहां पर हवा तट से समुद्र की तरफ विपरीत दिशा में बहती है।
- लगभग सभी मंदिरों पर आपने पक्षियों को देखा होगा परंतु जगन्नाथपुरी में आप किसी भी पक्षी को नहीं देखेंगे।
- पुरातत्वविद ओं का यह कहना है कि इस मंदिर में अकूत खजाना रखा हुआ है। परंतु या अभी तक किसी को भी हासिल नहीं हुआ है यह माना जाता है कि जब राष्ट्रीय विपत्ति की स्थिति आएगी तब यह खजाना अपने आप सामने आ जाएगा।
- इस प्राचीन जगन्नाथ मंदिर को नष्ट करने के लिए मुगलों के द्वारा 17 बार हमले किए गए परंतु एक बार भी जगन्नाथ मंदिर की मूर्ति को नुकसान नहीं पहुंचा क्योंकि हमले से पहले ही यहां के पुजारी भगवान की मूर्ति को बदल देते थे।
जगन्नाथ पुरी उड़ीसा कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग से जगन्नाथपुरी उड़ीसा कैसे पहुंचे?
अगर आप जगन्नाथ पुरी उड़ीसा पहुंचना चाहते हैं तो यहां का निकटतम हवाई अड्डा भुवनेश्वर है भुवनेश्वर कोलकाता दिल्ली रायपुर हैदराबाद बनारस मुंबई चेन्नई जैसे शहरों से भली प्रकार से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग से जगन्नाथपुरी उड़ीसा कैसे पहुंचे?
सड़क मार्ग से अगर आप जगन्नाथपुरी पहुंचना चाहते हैं तो यह भुवनेश्वर राजमार्ग पर स्थित है भुवनेश्वर राजमार्ग चेन्नई और कोलकाता जैसे महानगरों को जोड़ता है यह राष्ट्रीय राजमार्ग उन लोगों के लिए बेहद आसान सफर है जो सड़क पर लंबी यात्राएं करने का शौक रखते हैं।
रेल मार्ग से जगन्नाथपुरी उड़ीसा कैसे पहुंचे?
रेल साधन से अगर आप जगन्नाथपुरी जाना चाहते हैं तो यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन भुवनेश्वर है। भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन की खास बात यह है कि आप ट्रेन पर बैठे-बैठे उड़ीसा की खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं।
केदारनाथ के बारें में संपूर्ण जानकारी
2 चार धामों में प्रसिद्ध बदरीनाथ उत्तराखंड

चार धामों में प्रसिद्ध बदरीनाथ उत्तराखंड राज्य में बद्री नामक स्थान पर स्थित है बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है। हिमालय की ऊंची पर्वत श्रृंखला पर स्थित बद्रीनाथ मंदिर अलकनंदा के नदी के किनारे बना हुआ है इस मंदिर का निर्माण आदि गुरु शंकराचार्य के द्वारा कराया गया था।
इस मंदिर के विषय में या कथा प्रचलित है कि है स्थान पहले भगवान शिव को बेहद प्रिय था परंतु इस स्थान की खूबसूरती देखकर भगवान विष्णु ने शिवसेना स्थान मांग लिया था तब से माना जाता है कि यह स्थान भगवान विष्णु के द्वारा बताया गया है। यहां पर नर और नारायण नाम के दो ऋषि यों ने तपस्या की थी।
जिनकी तपस्या को देखकर माता लक्ष्मी ने बेर के पेड़ उत्पन्न कर दिए थे जिससे कि उन्हें यहां की बर्फ से कुछ राहत मिल सके तब से यह स्थान बद्रीनाथ के रूप में विख्यात हुआ। आज से लगभग 50 से 60 वर्ष पूर्ण यहां पर बेर के घने जंगल हुआ करते थे परंतु अब यह अस्तित्व में नहीं है।
इस मंदिर के विषय में रोचक कहानी यह भी है कि मंदिर के नीचे एक तप्त कुंड है इस कुंड का तापमान लगभग 55 डिग्री सेंटीग्रेड होता है जबकि मंदिर के बाहर चारों और घनी बर्फ होती है यहां उनका तापमान इतना गर्म क्यों है इसका अभी तक कोई निष्कर्ष निकल नहीं पाया। जंतुओं के अनुसार या कहा जाता है कि इस कुंड में जो स्नान करता है उसे त्वचा रोगों से मुक्ति मिल जाती है।
3 चार धामों में प्रसिद्ध रामेश्वरम तमिल नाडु

रामेश्वरम तमिलनाडु के समुद्र तट के किनारे बसा हुआ बेहद भव्य मंदिर है। चार धामों में रामेश्वरम मंदिर भी आता है रामेश्वरम मंदिर की स्थापना के विषय में कहा जाता है कि यहां पर भगवान श्री राम ने समुद्र पर पुल बनाने से पहले भगवान शिव की आराधना की थी तब से यह स्थान रामेश्वरम के नाम से प्रख्यात हो गया। रामेश्वरम भगवान शिव के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
रामेश्वरम एक रामेश्वर नामक द्वीप पर स्थित है इस द्वीप का आकार शंखनुमा है। बाद में इस मंदिर का जीर्णोद्धार आदि गुरु शंकराचार्य के द्वारा कराया गया। के बाद मंदिर के पुनर्निर्माण का श्रेय भारत के लौह पुरुष के नाम से विख्यात रविंद्र नाथ टैगोर जी के जाता है। रामेश्वर मंदिर बेहद भव्य मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण द्रविड़ शैली से किया गया है।
रामेश्वरम तमिलनाडु कैसे पहुंचे?
सड़क मार्ग से रामेश्वरम तमिलनाडु कैसे पहुंचे?
अगर आप सड़क मार्ग से रामेश्वरम आना चाहते हैं तो रामेश्वरम चेन्नई से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी प्रकार से जुड़ा हुआ है। आप चेन्नई से आसानी से प्राइवेट बस या कैब या टैक्सी के माध्यम से रामेश्वरम पहुंच सकते हैं।
वायु मार्ग से रामेश्वरम तमिलनाडु कैसे पहुंचे?
अगर आप वायु मार्ग से रामेश्वरम आना चाहते हैं तो यहां का नजदीकी एयरपोर्ट मदुरई है मदुरई से रामेश्वरम की कुल दूरी 175 किलोमीटर की है।
रेल मार्ग से रामेश्वरम तमिलनाडु कैसे पहुंचे?
रेल मार्ग से अगर आप रामेश्वरम पहुंचना चाहते हैं तो आपको मदुरई रेलवे स्टेशन आना होगा रेलवे स्टेशन के बाहर से आपको नियमित तौर पर रामेश्वरम के लिए गाड़ियां उपलब्ध होती हैं।
4 चार धामों में प्रसिद्ध द्वारकाधीश गुजरात

भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण के द्वारा बताया हुआ द्वारिका नगर बेहद समद नगर हुआ करता था। यह कहा जाता है कि भगवान कृष्ण की मृत्यु के समय यह द्वारका नगरी समुद्र में समा गई थी। द्वारका शहर में भगवान द्वारकाधीश का भव्य मंदिर है। जिसे यहां का राजा कहां जाता है। द्वारका देश के द्वारा ही निर्मित की गई थी द्वारका नगरी द्वारका नगरी उसका नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यहां पर चारों तरफ से शहर को घेरने के लिए दीवारें बनवाए गए थे इन दीवारों में आने-जाने के कई द्वार थे। कई द्वार होने की वजह से से द्वारका नगरी कहा जाता है।
द्वारकाधीश मंदिर में आरती का समय- aarti time in dwarkadheesh temple
द्वारकाधीश मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण को चार बार आरती की जाती है।
- प्रातः 6:30 बजे मंगला आर ती
- प्रातः 10:30 श्रृंगार आरती
- शाम 7:30 बजे संध्या आरती
- रात 8:30 बजे शयन आरती
द्वारिकाधीश मंदिर गुजरात कैसे पहुंचे?
द्वारकाधीश मंदिर गुजरात हवाई मार्ग से कैसे पहुंचे?
द्वारकाधीश मंदिर अगर आप हवाई मार्ग से पहुंचना चाहते हैं तो यहां का निकटतम हवाई अड्डा जामनगर है जोकि द्वारकाधीश मंदिर से लगभग 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है हवाई अड्डे के बाहर से आपको नियमित तौर पर टैक्सी मिल जाते हैं जो आपको सीधे द्वारका पहुंचा देंगे।
रेल मार्ग से द्वारकाधीश मंदिर कैसे पहुंचे?
रेल मार्ग से अगर आप द्वारकाधीश मंदिर आना चाहते हैं तो यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन अहमदाबाद है जोकि राजकोट अहमदाबाद जामनगर के लिए नियमित सेवा उपलब्ध रहती है। द्वारका की रेल लाइनें गुजरात और पश्चिम बंगाल के प्रमुख शहरों से जुड़ी हुई हैं।
सड़क परिवहन से द्वारकाधीश मंदिर गुजरात कैसे पहुंचे?
सड़क परिवहन से अगर आप द्वारका डिश मंदिर आना चाहते हैं तो यह भारत के कई राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा हुआ है आप भारत के किसी भी कोने से आसानी से द्वारकाधीश आ सकते हैं। इसके अलावा भारत के प्रमुख शहरों से द्वारकाधीश मंदिर के भ्रमण के लिए कई प्राइवेट बसें अपने पैकेज चलाती हैं।
छोटा चार धाम के विषय में संपूर्ण जानकारी
छोटा चार धाम के नाम
- गंगोत्री
- यमुनोत्री
- केदारनाथ
- बद्रीनाथ
चार धाम की यात्रा हेलीकॉप्टर से कैसे करें?- chardham yatra by helicopter
दोस्तों अगर आप उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा हेलीकॉप्टर के माध्यम से करना चाहते हैं तो उत्तराखंड सरकार के द्वारा यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है बहुत सारी फ्लाइट कंपनियां आपको घर बैठे बैठे हेलीकॉप्टर बुकिंग की सुविधा देकर चार धाम की यात्रा हेलीकॉप्टर से माध्यम से करा रहे हैं। सबसे पहले आप चार धाम की यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर ऑनलाइन बुक करें। कई बड़ी कंपनियां yatra.com travelpayout goibibo MakeMyTrip जैसी बड़ी कंपनियां आपको घर बैठे बैठे हेलीकॉप्टर बुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराती है इसके लिए बस आपको इनकी ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर अपने डेट और टाइम के हिसाब से हेलीकॉप्टर सुविधा को बुक करना पड़ता है।

चारधाम यात्रा पैकेजेस-Chardham yatra packages
सभी बड़ी कंपनियां चार धाम यात्रा पैकेज सुविधा उपलब्ध कराती हैं। इसके लिए सबसे बढ़िया साधन यह है कि आप कंपैरिजन वेबसाइट पर जाकर सभी कंपनियों के ऑफर और पैकेजेस के बारे में जानकारी ले लें। फिर आप चार धाम पैकेज को अपनी सुविधानुसार बुक करें।
बस से चार धाम यात्रा पैकेज- chardham yatra packages by bus
अगर आप चार धाम यात्रा का बस से आनंद लेना चाहते हैं तो उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा लगभग 12 रूटों पर बस सेवा का परिचालन करती है। इन सभी रूटों में किसी में से भी आप पैकेज लेकर चार धाम की यात्रा कर सकते हैं।
जिसका के कुल किराया 15000 से लेकर 45,000 के मध्य वह 4 दिनों से लेकर 7 दिनों तक का टूर होता है जिसमे आपको चार धाम की यात्रा कराई जाती है।

हेलीकॉप्टर से चार धाम यात्रा पैकेज- chardham yatra packege by helicopter
कई बड़ी कंपनियां हेलीकॉप्टर के द्वारा चार धाम यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराती हैं। आप इन कंपनियों की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर चार धाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर बुक कर सकते हैं जिसका औसत किराया ₹60000 से लेकर ₹100000 के बीच होता है। 5 दिनों से लेकर 7 दिनों तक होता है।
चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया-Chardham yatra registration
चार धाम की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया कई माध्यमों से की जाती है चार धाम की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने भारत के सभी top cities में अपने ऑफिस खोल रखे हैं इन ऑफिसों में आप जाकर एडवांस में चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके अलावा आप उत्तराखंड विभाग की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते है।
चार धाम यात्रा के लिए जरूरी टिप्स-Chardham yatra travel tips
चार धाम यात्रा पर जाने से पहले हमें कुछ सावधानियों को ध्यान में रखना पड़ता है जिससे की यात्रा करते समय किसी भी प्रकार की बाधा ना हो। आइए ऐसे ही कुछ जानते हैं चार धाम यात्रा के लिए जरूरी टिप्स के बारे में
- चार धाम यात्रा पर जाने से पहले अपने स्वास्थ्य का विशेष तौर पर ध्यान रखें।
- मौसम के हिसाब से ही कपड़ों का चयन करें।
- सर्दी के मौसम में चार धाम की यात्रा नहीं होती है इस बात का विशेष ध्यान रखें क्योंकि वहां पर भीषण बर्फबारी कारण जनजीवन ठप हो जाता है।
- अगर आप उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा पर हैं तो उसके लिए पहले से एडवांस बुकिंग करा ले।
- हेलीकॉप्टर से अगर आप उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा पर जाना चाहते हैं तो उसके लिए ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर अपने लिए पहले से हेलीकॉप्टर बुक कर ले।
- 5 वर्ष के कम आयु के बच्चों के साथ चार धाम की यात्रा न करें तो आपके लिए बेहतर होगा क्योंकि वहां के दुर्गम रास्ते और मैदानी इलाकों की अपेक्षा कुछ कठिन जीवन शैली बच्चों को तकलीफ में डाल सकती हैं।
- चार धाम की यात्रा पर अगर आप जा रहे हैं तो कम से कम 1 हफ्ते का टूर जरूर बनाएं।
- चार धाम की यात्रा पर जाने से पहले वहां के रहन-सहन और खान-पान के विषय में अच्छी प्रकार से जानकारी ले ले।
- चार धाम की यात्रा पर जाने से पहले अपने लिए जरूरी दवाइयां और मेडिसिन साथ में रख ले।
चार धाम यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय-Best time for chardham yatra
दोस्तों अगर आप उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा पर जाना चाहते हैं तो हम आपको जानकारी दे देंगे जून से लेकर सितंबर तक के समय को श्रेष्ठ माना जा सकता है क्योंकि अक्टूबर से यहां पर बर्फबारी होने लगती है जो कि फरवरी तक चलती है इस दौरान चार धाम की यात्रा करना संभव नहीं होता बेहतर यही होगा कि आप चार धाम की यात्रा पर निकले तो अप्रैल से सितंबर के मध्य ही जाए।
तो दोस्तों यह रही चार धाम के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी हमें उम्मीद है आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा अपने दोस्तों को शेयर करना ना भूले। और हमारी वेबसाइट पर दिखाए जा रहे aviasales विज्ञापन पर सर्च करके आप बेहतरीन चार धाम यात्रा पैकेज बुक कर सकते हैं हमारी वेबसाइट पर आपको कई प्रमुख टिकट बुकिंग वेबसाइट के प्राइस एक ही प्लेटफार्म पर दिख जाएंगे जिससे आप आसानी से चार धाम यात्रा के लिए टिकट बुक कर सकते हैं।
धन्यवाद।
ye bhi padhe
अमरनाथ की यात्रा के बारे में संपूर्ण जानकारी
Leave a Reply