लोटस टेम्पल के विषय में सम्पूर्ण जानकारी- Full information about Lotus temple in hindi

लोटस टेंपल फोटो
The Bahai House of Worship in New Delhi, India, popularly known as the Lotus Temple was designed by Fariborz Sahba and made of Greek white marble.It is open to all regardless of religion.

लोटस टेंपल (कमल मंदिर) बहाई उपासना स्थल नई दिल्ली

लोटस टेंपल के बारे में संपूर्ण जानकारी फोटो
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लोटस टेंपल कमल मंदिर दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन केंद्रों में से एक हैं। लोटस टेंपल की सबसे खास बात यह है कि यहां पर सभी धर्मों के लिए सामान भावना रखी जाती है। दिल्ली के नेहरू नगर में बहापुर गांव में स्थित लोटस टेंपल प्रमुख रूप से एक बहाई उपासना मंदिर है।

लोटस टेंपल की प्रमुखता यह है कि यहां पर कोई भगवान की मूर्ति नहीं है और ना ही किसी भगवान की पूजा आराधना की जाती है लेकिन यहां पर सभी धर्म के लोग समान भावना के साथ शांति के लिए किस जगह पर आते हैं।

इस मंदिर का लोटस टेंपल नाम इसके कमल के आकार के बने होने के कारण दिया गया। यह दिल्ली के ही नहीं भारत के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में से एक है लोटस टेंपल को बीसवीं शताब्दी के ताजमहल के रूप में भी मान्यता दी जाती है।

2001 में हुए एक सर्वे के अनुसार लोटस टेंपल दुनिया में सबसे ज्यादा एक इमारत के रूप में देखा जाने वाला पर्यटन स्थल है लोटस टेंपल ने अपनी वस्तु कारी की वजह से कई वास्तुकार पुरस्कार भी जीते हैं और इसे कई प्रमुख अखबारों और लेखों में भी चित्रित किया जाता रहता है। आइए जानते हैं लोटस टेंपल कमल मंदिर के विषय में संपूर्ण जानकारी

लोटस टेंपल को किसने बनवाया

लोटस टेंपल कोई किसी भी सदी का ताजमहल का खिताब दिया गया है इसकी खूबसूरती अपने आप में अचंभित कर देने वाली सिर्फ कारी पर्यटकों को काफी अधिक संख्या में आकर्षित करती है लोटस टेंपल को बनवाने का श्रेय बहाउल्लाह को जाता है जो कि एक भाई धर्म के संस्थापक थे और उनका निवास स्थान कनाडा था।

लोटस टेंपल की वास्तुकला

लोटस टेंपल सन 1986 में पूरी तरह बनकर तैयार हुआ था। कमल मंदिर में हिंदू सिख जैन बौद्ध और इस्लाम धर्म के प्रतीकात्मक डिजाइन के रूप में कमल को चुना गया था। जिस को ध्यान में रखते हुए इस लोटस टेंपल का निर्माण किया गया है।

इसकी वास्तुकला इतनी विशाल और सुंदर है कि इस के बने हुए 40 मीटर से ज्यादा लंबे के 9 दरवाजे सीधा मुख्य हाल में जाते हैं जहां पर लगभग एक साथ बैठकर 1500 से ज्यादा लोग प्रार्थना करके सुकून और शांति का अनुभव करते हैं। 9 अंक को सबसे बड़ा मानकर कर यहां पर 9 दरवाजे बनवाए गए।

इन 9 दरवाजे से आप सीधा मुख्य हाल जा सकते हैं। इसके अलावा लोटस टेंपल में दो छोटे हाल हैं जिनकी 70 सीटें क्षमता है। इसकी आदित्य वास्तु कला में लोटस टेंपल के बीचो बीच स्थित तालाब में उभरता हुआ कमल का फूल भी है लोटस टेंपल इस तालाब में प्रतिबिंब कमल के आकृति का बनता है।

कमल मंदिर की डिजाइन के विषय में या कहा जाता है कि या डिजाइन तुर्की और भारतीय वास्तुकला का सम्मिश्रण है। इसके अलावा लोटस टेंपल के खूबसूरती को बढ़ाने वाले कमल की पंखुड़ियों को संगमरमर से डाला गया है। इन संगमरमर के पत्थरों को गिरीश से मंगवाया गया था जबकि कई वास्तु कारों का यह भी मानना है कि यह कई देशों से मंगा कर बनाया गया था।

लोटस टेंपल के मध्य में स्थित जब तालाब मैं आप देखेंगे तो आपको ऐसा प्रतीत होगा कि कोई विशाल कमल पुष्प पानी पर तैर रहा है जबकि असल में वह लोटस टेंपल का पानी में बन रहा प्रतिबिंब होता है।

इस विशाल मंदिर को बनाने में लगभग 10000 अलग-अलग किस्म के संगमरमर के पत्तों का इस्तेमाल किया गया है जबकि कमल मंदिर को करीब 700 इंजीनियरों कामगारों और कलाकारों ने मिलकर भव्य रुप दिया। इसके अलावा इस शानदार इमारत ने अपनी अद्वितीय वास्तु शिल्प कला के कारण कई वास्तु कारी अवार्ड भी प्राप्त किए।

लाल किला दिल्ली के बारे में संपूर्ण जानकारी

Lotus Temple, New Delhi, India, illuminated at twilight

लोटस टेंपल जाने का समय

दोस्तों अगर आप लोटस टेंपल घूमने जाना चाहते हैं तो हम आपको जानकारी दे देगी लोटस टेंपल सोमवार के दिन बंद होता है जबकि यह मंगलवार से लेकर रविवार तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है।

गर्मियों के दिन में लोटस टेंपल पर्यटकों के लिए खुलने का समय प्रातः 9:00 बजे से लेकर चाय 6:00 बजे तक है।

जबकि सर्दियों के दिन में लोटस टेंपल प्रातः 10:00 बजे से लेकर 5:30 बजे तक खुला रहता है।

Night view of Lotus Temple with dramatic clouds in the dusk in New Delhi, India

लोटस टेंपल का इतिहास

लोटस टेंपल का इतिहास आज से लगभग 40 साल पुराना है। लोटस टेंपल बहाए धर्म की आस्था से जुड़ा हुआ है। इस भव्य कमल मंदिर का निर्माण सन 1986 में पूरा हुआ था परंतु इसे आम जनता के लिए नए साल पर 1 जनवरी 1987 को खोला गया। इस भव्य कमल मंदिर के निर्माण में लगभग 10 वर्षों का समय लगा था। लोटस टेंपल बाय धर्म के 7 प्रमुख मंदिरों में से एक हैं।

बहाई धर्म के मंदिर दुनिया में सात जगह अपनी छटा बिखेर रहे हैं उनमें से एक यह कमल मंदिर भी है। या कमल मंदिर अपनी आदित्य डिजाइन और वास्तुकला की वजह से भारत ही नहीं पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो रहा है। एक कमल मंदिर का डिजाइन एक कनाडाई आर्किटेक्ट फरिबरज सहाबा ने तैयार किया था।

यह भव्य मंदिर लगभग 27 एकड़ के क्षेत्र पर बना हुआ है। कमल की आधी खुली हुई पंखुड़ियों की डिजाइन का यह मंदिर दुनिया के कोने कोने से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है।

Sunset in Lotus Tempel, New Delhi.

लोटस टेंपल का सूचना केंद्र

लोटस टेंपल का सूचित सूचना केंद्र कोई भी पर्यटक देख सकता है इस सूचना केंद्र में पर्यटकों के लिए विशेष रूप से बहाई आस्था का वर्णन है ।इसके अलावा यहां पर ग्रंथों तस्वीरों फिल्मों आदि के माध्यम से बढ़ाई धर्म के विषय में जानकारी दी जाती है। इसी सूचना केंद्र में एक ऑडियो विजुअल रूम और विशाल लाइब्रेरी भी है।

लोटस टेंपल का प्रार्थना स्थल

इस कमल मंदिर की खास बात यह है कि इसका प्रार्थना स्थल बेहद विशाल है जिसमें लगभग ढाई हजार लोग एक साथ बैठकर प्रार्थना कर सकते हैं। इस प्रार्थना स्थल के अलावा दो छोटे-छोटे हाल भी लोटस टेंपल के अंदर बनाए गए हैं यह हाल 70 लोगों के बैठने की कुर्सियों के साथ बनाए गए हैं।

लोटस टेंपल के विषय में रोचक तथ्य

  • लोटस टेंपल का आकार एक कमल के पुष्प के आकार के जैसा बनाया गया है इसका प्रमुख उद्देश्य यह है कि कमल सभी धर्मों में पवित्र और पूजनीय होता है इसलिए यहां पर सभी धर्मों के लोग मन की शांति प्राप्त करने के लिए आते हैं।
  • खूबसूरत आधुनिक वास्तुकला से बना यह कमल मंदिर सुरक्षा की दृष्टि से भी अतुलनीय है इसकी छत पर कांच और स्टील से कवरिंग की गई है जबकि प्रार्थना स्थल के ऊपर लगी हुई कांच की वजह से प्रार्थना स्थल पर संभावित प्रकाश भी आसानी से आता है।
  • लोटस टेंपल में बनी हुई लाइब्रेरी में जाकर आप किसी भी धर्म से संबंधित किताबों को बैठकर आसानी से पढ़ सकते हैं।
  • या मंदिर अपने आप में बेहद अनूठा है यहां पर आप किसी भी धर्म या संप्रदाय के हो आसानी से बैठकर प्रार्थना करके अपने मन को सुकून दे सकते हैं।
  • लोटस टेंपल यानी कमल मंदिर को आधुनिक युग का ताजमहल भी कहा जाता है।
  • यह भाई समुदाय का बना हुआ प्रमुख मंदिर है इसके अलावा यह मंदिर पनामा, अपिया, विलेमेट, सिडनी, कंपला, फ्रेक फार्ट आदि शहरों में बनाया गया है।
  • या मंदिर अनेकता में एकता पर विश्वास रखता है यह पूरे एशिया में एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर मूर्ति पूजा नहीं होती है और यह मंदिर ईश्वर की उपस्थिति में विश्वास रखता है।
  • लोटस टेंपल की वास्तुकला इतनी शानदार है कि इसको देखने के लिए प्रतिदिन लगभग 10,000 से अधिक पर्यटक यहां पर आते हैं।
  • लोटस टेंपल ने अपने अद्भुत वास्तु कारी की वजह से कई पुरस्कार भी जीते हैं। इसके अलावा वह कई प्रमुख अखबारों और मैगजीन में प्रमुखता से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
  • लोटस टेंपल के मध्य में एक विशाल तालाब है जिस पर लोटस टेंपल के कमल जैसा प्रतिबिंब दिखाई देता है इसके अलावा लोटस टेंपल के आस पास कुल मिलाकर 9 तालाब बने हुए हैं।
  • 27 एकड़ में बने हुए कमल मंदिर को लगभग 700 टेक्नीशियन इंजीनियर और कलाकारों ने मिलकर बनाया है।
The Bahai House of Worship in New Delhi, India, popularly known as the Lotus Temple was designed by Fariborz Sahba and made of Greek white marble.It is open to all regardless of religion.

लोटस टेंपल का पता

लोटस टेंपल का पता

लोटस टेंपल रोड, शंभू दयाल बाग ,बहापुर ,नई दिल्ली ,110019

लोटस टेंपल का टिकट रेट

आपको जानकारी आज आश्चर्य होगा कि इतना विशाल और भव्य लोटस टेंपल का कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं है आप यहां पर किसी भी धर्म या संप्रदाय के हो आसानी से जाकर प्रार्थना कर सकते हैं और यहां स्थित लाइब्रेरी में जाकर किसी भी धर्म की धार्मिक पुस्तकों को पढ़ सकते हैं।

लोटस टेंपल घूमने जाने का सबसे अच्छा समय

दोस्तों अगर आप लोटस टेंपल घूमने जाना चाहते हैं तो हम आपको जानकारी दे दे कि आप गर्मियों के मौसम में लोटस टेंपल ना जाए तो आपके लिए बेहतर होगा इसकी प्रमुख वजह यह है कि लोटस टेंपल मैं आपको नंगे पांव घूमना पड़ेगा और गर्मियों में यहां अधिक दुखदाई होता है। तू की धूप की वजह से पैर जलने लगते हैं। और यह आपकी लोटस टेंपल में घूमने की यात्रा को दुखदाई बना देते हैं इसलिए बेहतर यही होगा कि आप लोटस टेंपल जब भी घूमने जाएं तो सर्दियों में जाएं जिससे कि आप यहां की खूबसूरती का आनंद उठा सकें।

Lotus temple
(Photo by Amal KS/Hindustan Times via Getty Images)
लोटस टेंपल की लाइब्रेरी

लोटस टेंपल की लाइब्रेरी अपने आप में अनूठी है आप यहां पर जाकर सभी धर्मों की धार्मिक पुस्तकें बेहद आसानी से एकांत जगह पर बैठ कर पढ़ सकते हैं।

लोटस टेंपल कैसे पहुंचे

लोटस टेंपल का कमल मंदिर पहुंचना नई दिल्ली में बेहद आसान है अगर आपको लोटस टेंपल जाना है तो सबसे पहले नई दिल्ली रेलवे स्टेशन या हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पहुंचना होगा इसके बाद आप मेट्रो से सीधी लोटस टेंपल पहुंच सकते हैं। इस साधन के अलावा आप कालकाजी मेट्रो से वायलेट मेट्रो के साधन से लोटस टेंपल पहुंच सकते हैं।

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