गोरखपुर का नाम महर्षि गोरखनाथ जी के नाम से पड़ा | पर्यटकों को आकर्षित करने में गोरखपुर की संस्कृति, स्वतंत्रता आन्दोलन, धार्मिक स्थानों का योगदान रहा है| यहाँ पर्यटकों के लिए काफी ज्यादा मात्रा में पर्यटन केंद्र है| यहाँ धार्मिक जगहे, संस्कृतिक धरोहरे, बाग, और बड़े संग्रहालय पर्यटकों के आकर्षण को बढ़ावा देते है|
गोरखनाथ मंदिर
संत श्री गोरखनाथ को समर्पित ये विशाल मंदिर अत्यंत विशाल छेत्र में बना हुआ है| इस गोरखनाथ की तपोभूमि में वर्ष भर धार्मिक कार्यक्रम चलते रहते है| इस मंदिर का नीव 12वी शताब्दी में रखी गयी| इस मंदिर में संत गोरखनाथ के चरन स्थल, उनका योग स्थल , उनकी तपोभूमि स्मरण स्वरुप उपलब्ध है|
इस मंदिर परिसर में ही कृतिम तालाब है इस तालाब में काफी ज्यादा किस्म की मछलिया और कछुए पाए जाते है| पर्यटक इस तालाब में इस जीवो को काफी नजदीक से भोजन कराते है|
मकर संक्रांति के सुभ अवसर पर यहाँ धार्मिक मेले का आयोजन किया जाता है|जहां देश विदेश के संत और पर्यटक यहाँ आते है| इस समय इस मंदिर के मुख्य पुजारी योगी अदित्यनाथ जी है| जो इस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी है|
यहाँ गोरखपुर रेलवे स्टेशन से आसानी से प्राइवेट कैब के या लोकल परिवहन से पंहुचा जा सकता है|
गोरखपुर पुरातात्विक संग्रहालय
गोरखपुर पर्यटन केन्द्रों में इस संग्रहालय का नाम भी आता है इसका कारण इस संग्रहालय में देखने के लिए बहुत पुरानि चीजे है | इस संग्रहालय में लगने वाली भीड़ ही इसकी प्रसिद्ध होने का प्रमान देते है|इस पुरातात्विक संग्रहालय की स्तापना १९५७ में हुई|यह संघ्राहालय इतिहास संस्कृति और गोरखपुर के प्राचीन निष्कर्षो का सजीव चित्रण करता है
दिन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय इस पुरातात्विक संग्रहालय की देख रेख करता है | और ये विस्वविद्यालय परिसर में ही बना हुआ है| पर्यटकों को यहाँ देखने के लिए प्राचीन सिक्के , मुर्तिया, खुबसूरत पेंटिंग, पुराने भारतीय टिकट,पुराने आभूषण, प्राचीनकाल के पत्थर के उपकरण आदि अनेक प्राचीन चीजे उपलब्ध है| पर्यटक जब भी गोरखपुर आते हैयहाँ जरुर आते है जिससे वे गोरखपुर की संस्कृति , और प्राचीन वस्तुयों को नजदीक से देख सके|
रेलवे म्यूजियम
गोरखपुर में घुमने के शौक़ीन लोग इस रेलवे म्यूजियम में जरुर जाते है| ये रेलवे म्यूजियम सन 2007 में पर्यटकों के लिए खोल दिया गया| और ये म्यूजियम धीरे धीरे गोरखपुर के टॉप टूरिस्ट प्लेसेस में शामिल हो गया है| इस म्यूजियम में मुख्य आकर्षण लार्ड लोरेंस के द्वारा बनाया हुआ प्राचीन भाप इंजन है|
इस भाप इंजन को १८७४ में इंग्लॅण्ड में बनाया गया| जिसके साथ पर्यटक आपको इस म्यूजियम में सेल्फि लेते दिख जायेंगे| इस इंजन को भारी राशि से खरीद कर एक विमान के द्वारा भारत में लाया गया|
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उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन केंद्र
गीता प्रेस
गीता प्रेस वर्तमान में हिंदू गैर धर्मनिरपेक्ष धर्मग्रंथों और पुस्तकों को प्रकाशित करने के लिए दुनिया का सबसे उपयोगी प्रेस होने का गौरव रखता है। यह जया दयाल गोयंदका और घनश्याम दास जालान के माध्यम से 1923 में शुरू हुआ। उनका प्रमुख आदर्श वाक्य हिंदू धर्म, ‘सनातन धर्म’ को प्रकाशन के लिए बन गया, क्योंकि यह जीवन जीने के लिए उचित या सही तरीका माना जाता है।
वे पवित्र गीता और उसकी व्याख्याओं, पवित्र महाकाव्य रामायण और महाभारत, पुराण, उपनिषद या यहां तक कि विभिन्न संतों और गुरुओं के कार्यों को भी पोस्ट करते हैं। यह सब साहित्य अन्य आस-पास की भाषाओं में अनुवादित किया जाता है और पेश किया जाता है। कल्याण और कल्याण कल्पतरु दो इस प्रेस से प्रकाशित होने वाली पत्रिकाएँ हैं जो इस कारण से शुरू होती हैं। वर्तमान में, लगभग 350 कर्मचारी वहां कार्यरत हैं।
इसके अलावा इसकी प्रमुख विशेषताए इस प्रकार है
- इस प्रेस में प्रतिदिन ४० हज़ार से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन होता है|
- इस प्रेस की किसी भी पुस्तक पर कोई विज्ञापन नही होता है|
- गीता प्रेस अपने प्रकाशन के लियें किसी भी संस्था या व्यक्ति से किसी भी प्रकार की अनुदान राशि नही लेता है||
- इस प्रेस की मासिक पत्रिका कल्याण का भी प्रकाशन यही होता है|
नेहरु पार्क
नेहरू पार्क की व्यवस्था गोरखपुर के लालडिग्गी क्षेत्र में की जाती है, जो सीधे गीता प्रेस के करीब है। नेहरू पार्क गोरखपुर के लालडिग्गी क्षेत्र में व्यवस्थित है, सीधे गीता प्रेस के करीब। वेल्स और टिमटिमाती बहु छायांकित रोशनी नेहरू पार्क को एक बहुत ही पहचाना और तैयार लुक देती है।
इसके शांत पर्यावरणीय कारक और समृद्ध हरियाली आपको ठीक वही देगी जो आप एक दिन की समाप्ति, थोड़ा आराम और कुछ शांतिपूर्ण के लिए खोज रहे हैं। सितंबर 2005 में क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल के जीवन और स्मृति के लिए प्रतिबद्ध एक याद को संजोया गया।
यह प्रगतिशील मणिपुरी और काकोरी योजनाओं की अग्रिम पंक्ति में और सभी ब्रिटिश उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई के साथ थे। मनोरंजन केंद्र में बच्चों के लिए जबरदस्त उद्यान, पिकनिक स्पॉट और आकर्षण हैं।इस पार्क में रंगीन फव्वारे और शानदार लाइटिंग पर्यटकों को शानदार अनुभव कराते है|
कुष्मी वन
कुष्मी वन सैलानियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है|ये वन विशाल शाल के पेड़ो से घिरा हुआ है|विदेशी सैलानियों के साथ साथ यहाँ वीकेंड पर स्थानीय लोग भी पिकनिक के लिए यहाँ इकठ्ठे हो जाते है| इस वन में एक पवित्र स्थान है जिसे बुधिया माई स्थान के नाम से जाना जाता है| और इसी वन में एक चिड़ियाघर भी बनाया गया है|
मनोरंजन केंद्र में बच्चों के लिए जबरदस्त उद्यान, पिकनिक स्पॉट और आकर्षक झूले आकर्षण का केंद्र है|। कुष्मी वन घूमने के लिए सबसे अच्छा स्थान है जब किसी को एक शांतिपूर्ण अवसर की तलाश करनी होती है लेकिन भारत के सबसे अच्छे अजूबों के एक हिस्से का निरीक्षण करना चाहिए|
सेंट कैथोलिक चर्च
गोरखपुर के प्रमुख पर्यटन केन्द्रों में सेंट कैथोलिक चर्च का नाम भी प्रमुख है बहार से विशेष कर विदेश से आये सैलानी यहाँ जरूर पहुचते है| सेंट कैथोलिक चर्च गोरखपुर रेलवे स्टेशन से मात्र दो किलो मीटर की दुरी पर बना हुआ है|
गोरखपुर के सिविल लाइन क्षेत्र में बने इस विशाल चर्च को सन १८६० ई० में निर्माण किया गया | सेंट कैथोलिक चर्च की सबसे खास बात इस चर्च के आस पास के स्वच्छ वातावरण और शानदार हरियाली है|ये चर्च सेंट जोसफ कॉलेज परिसर में बनाया गया है| इसे जोसफ चर्च भी कहां जाता है|
इस प्राचीन चर्च का रंग अब हल्का गेहुवा हो गया है| परन्तु साफ़ सफाई और रख रखाव की वजह से ये चर्च पर्यटकों को आकर्षित करने में सफल रहा है|
नीर निकुंज वाटर पार्क
गोरखपुर में घुमने के शौकीन लोगों के लिए ये पार्क वाटर राइड्स, फिश स्लाइड, एनाकोंडा फन आदि बहुत सी मनोरंजक सुविधाए प्रादान करता है| गोरखपुर के इस शानदार पार्क की खूब सुरती देखने लायक है| ये पार्क गोरखपुर का एक मात्र पार्क है जहां पर वाटर स्लाइडिंग के साथ साथ आकर्षक झुले पर्यटकों के लिए बनाये गये है|
इस पार्क में वीकेंड काफी मात्रा में भीड़ होती है| यहाँ आपको फॅमिली के साथ साथ प्रेमी जोड़ो को भी इस वाटर पार्क का आनंद लेते देख सकते है|यहाँ वीक के सभी दिन ये पार्क पर्यटकों के लिए खुला रहता है|
टिकट दर ६०० प्रति व्यक्ति
समय १० बजे से ८ बजे तक
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