क़ुतुबमीनार के बारे में जानकारी- information about Qutub Minar in hindi

कुतुब मीनार फोटो

क़ुतुबमीनार (qutub minar)भारत ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी और ऊंची मीनार है। क़ुतुब मीनार नई दिल्ली में स्थित है और नई दिल्ली को भारत का दिल कहा जाता है यह भारत की राजधानी भी है। नई दिल्ली में आपको कुतुब मीनार के साथ-साथ कई प्राचीन इमारत के और इमारतें मौजूद हैं। कुतुब मीनार इन्हीं पुरानी और विश्व धरोहरों में शामिल इमारत है।

कुतुब मीनार दिल्ली के दक्षिणी इलाके मेहरौली में स्थित है यह भारत का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है।

कुतुबमीनार को वर्ल्ड हेरिटेज साइट भी घोषित किया जा चुका है यह मीनार हिंदू मुगल इतिहास का एक खास संस्मरण है। कुतुबमीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर की है यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी मीनार है। हम आपको क़ुतुब मीनार के बारे में (qutub Minar) इस आर्टिकल के द्वारा जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं तो आइए शुरू करते हैं

कुतुब मीनार का इतिहास-History of Qutub Minar in Hindi

कुतुब मीनार का इतिहास बेहद पुराना है और यह 1193 ईस्वी में बनाई गई थी। परंतु इसका कुछ ही हिस्सा का निर्माण  हो पाया था तभी इल्तुतमिश की मृत्यु हो गई इसके बाद उनके पोते कुतुबुद्दीन ऐबक ने इस मीनार को तीन मंजिला बनवाया था। इस मीनार का नाम दिल्ली के सल्तनत कुतुबुद्दीन ऐबक के नाम पर रखा गया है। उस समय कुतुबुद्दीन ऐबक दिल्ली सल्तनत के संस्थापक थे उन्होंने कुतुब मीनार की नींव रखी थी बाद में उनके पोते कुतुबद्दीन ने इसमें तीन और मीनारों का निर्माण कराया था।

यह कहा जाता है कि इस मीनार का निर्माण का श्रेय बख्तियार काकी को जाता है जिन्होंने निर्माण का डिजाइन तैयार किया था वह एक सूफी संत थे और इस मीनार का नक्शा तुर्की से प्रेरित होकर बनाया गया था।कुतुब मीनार पर पारसी और अरेबियन भाषा में इसके इतिहास के बारे में कुछ लेख मिलते हैं। इल्तुतमिश ने कुतुब मीनार पर तीन मंजिला और बनवा दिया था। कुछ समय बाद इसका ऊपरी मंजिल बिजली गिरने की वजह से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। उसके बाद सन 1369 ईस्वी में फिरोजशाह तुगलक क़ुतुब मीनार पर हर वर्ष दो मंजिलें जुड़ते चले गए। इस तरह से कुतुबमीनार का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने शुरू कराया जबकि उसे पूरी तरह से बनवाने में फिरोजशाह तुगलक का हाथ रहा है।

कुतुब मीनार फोटो
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कुतुबमीनार का ऊंचाई कितनी है- How much hieght Qutub Minar in hindi

कुतुबमीनार की ऊंचाई की बात करें तो यह72.5 मीटर ऊंचा है। कुतुब मीनार के अंदर गोला नुमा में 379 सीढ़ियां बनी हुई है। और इसका डायमीटर 14.5 मीटर का है।

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कुतुब मीनार किस चीज से बना हुआ है?which meterial used to make Qutub Minar in hindi

क़ुतुब मीनार लाल पत्थर और मार्बल से बना हुआ है। काफी प्राचीन होने के बाद भी कुतुब मीनार बेहद मजबूती से पर्यटकों का स्वागत करता है।

कुतुब मीनार में घूमने की जगह कुतुब कंपलेक्स

कुतुब मीनार के बगल में स्थित कुतुब कंपलेक्स में कई प्राचीन स्मारक मौजूद हैं जो कि जर्जर अवस्था में है परंतु पर्यटकों के लिए विशेष कौतूहल का विषय है।

अलाई मीनार

लौह स्तंभ

कुवत उल इस्लाम मस्जिद

अलाई दरवाजा

Kutub Minar image
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कुतुब मीनार कितने मंजिल का बना हुआ है-how much floor in Qutub Minar in hindi

कुतुबमीनार का नाम सुनकर अब अक्सर सबके मन में यह रहस्य जाग उठता है कि यह कितने मंजिल ऊंचा है हम आपको जानकारी दे दे कि कुतुबमीनार को पांच मंजिला इमारत माना जाता है। हर मंजिले पर बनाई हुई प्रोजेक्टिंग बालकनी की वजह से इसे 5 मंजिला इमारत घोषित किया गया है।

कुतुब मीनार के विषय में रोचक तथ्य- interesting facts about Qutub Minar in hindi

  • कुतुबमीनार 72.5 मीटर ऊंची है परंतु आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि यह इमारत पूरी तरह खड़ी नहीं है बल्कि एक तरफ हर किसी झुकी हुई है इसका वजह ये माना जाता है कि इस इमारत का निर्माण कई बार हुआ है जिसकी वजह से यह एक तरफ झुक गई है।
  • कुतुबमीनार ईटों से बनी हुई विश्व की सबसे बड़ी मीनार मानी जाती है।
  • कुतुब मीनार के परिसर में एक लोहे का बड़ा स्तंभ लगा हुआ है जो कि लगभग 2000 वर्ष से भी अधिक पुराना है परंतु इस स्तंभ पर आज तक जंग का नामोनिशान नहीं आया है जो अपने आप में एक आश्चर्य की बात है।
  • अगर आपको कुतुब मीनार के इतिहास के बारे में जानना होगा तो आपको अरबी भाषा का ज्ञान होना जरूरी है क्योंकि इसमें शिलालेख अरबी भाषा में लिखे हुए हैं।
  • कुतुबमीनार में कुल 379 सीढ़ियां है जो कि धरातल से लेकर मीनार की सबसे ऊंची चोटी तक गोलाकार आकृति में बनी हुई है।
  • कुछ प्राचीन इतिहासकारों के द्वारा यह कहा जाता है कि इस का प्राचीन नाम विष्णु स्तंभ हुआ करता था। स्तंभ चंद्रगुप्त विक्रम विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक था।
  • एक अन्य तथ्य के आधार पर यह कहा जाता है कि 1505 में भूकंप की वजह से यह इमारत फिर से क्षतिग्रस्त हो गई थी जिसका निर्माण पूर्ण रूप से सिकंदर लोदी ने कराया था।
  • कुतुब मीनार के पास स्थित कुतुब कंपलेक्स में कई प्राचीन ऐतिहासिक इमारतें मौजूद हैं। इनमें प्रमुख रूप से लौह स्तंभ, अलाई मस्जिद, अलाई दरवाजा, कुवत उल इस्लाम मस्जिद ,इल्तुतमिश की कब्र ,आदि और भी ऐतिहासिक इमारतें हैं इन इमारतों को देखने के लिए विश्व भर से पर्यटक यहां पर आते हैं।
  • कुतुब मीनार के बगल में बनी कुवत उल इस्लाम मस्जिद भारत की बनी हुई सबसे प्राचीन और पहली मस्जिद मानी जाती है।
  • अलाउद्दीन खिलजी की चाहत थी कि कुतुब मीनार से भी ऊंची मीनार बनाई जाए परंतु उनकी मौत के साथ यह चाहत दफन हो गई उनके वंशजों ने इस काम को बेहद खर्चीला मानकर इसे रुकवा दिया वर्तमान समय में यह अलाई मीनार के रूप में अधूरी बनकर खड़ी है जिसकी ऊंचाई मात्र 27 मीटर है।

कुतुबमीनार घूमने जाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है – Best time to visit Qutub Minar in hindi

दोस्तों अगर आप कुतुबमीनार घूमने जाना चाहते है तो हम आपको जानकारी दे दे कि यहां पर घूमने के लिए आप पूरे वर्ष भर आ सकते हैं। कुतुब मीनार का इतिहास अपने आप में अनोखा है इतनी प्राचीन इमारत आज भी सुंदर ढंग से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है। अगर आप गर्मियों में क़ुतुब मीनार ना जाए तो भी आपके लिए अच्छा रहेगा तू भी गर्मियों में आ का तापमान काफी गर्म हो जाता है।

कुतुब मीनार खुलने का समय- opening time to Qutub Minar in hindi

कुतुब मीनार पर्यटकों के लिए सुबह 6:30 बजे से लेकर 6:30 बजे तक खुला रहता है।

कुतुब मीनार कैसे पहुंचे?- how to reach Qutub Minar in hindi

दोस्तों अगर आप कुतुबमीनार पहुंचना चाहते हैं तो कुतुब मीनार मेट्रो सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन है जबकि अगर आप बस के द्वारा कुतुबमीनार पहुंचना चाहते हैं तो महरौली जाने वाली सभी बसें कुतुब मीनार होते हुए ही जाती है। हवाई जहाज से पहुंचने के लिए नई दिल्ली हवाई अड्डा सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है जबकि रेल मार्ग से अगर आप कुतुबमीनार जाना चाहते हैं तो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन जा सकते हैं।

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