
रूमी दरवाजा लखनऊ

रूमी दरवाजा एक प्रकार की इमारत है जिसे दरवाजे का स्वरूप दिया गया है। मुगल वास्तुकला का अनूठा स्वरूप रूमी दरवाजे में आसानी से दिखाई देता है। रूमी दरवाजे के विषय में कई प्रकार की बातें होती रहती हैं। इसके निर्माण में कुल कितनी लागत आई?, इस विषय में कई विशेषज्ञों की अपनी अपनी अलग अलग राय है।
आइए जाने हम भी रूम में दरवाजे के विषय में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां
रूमी दरवाजा का निर्माण( Rumi darwaja construction in hindi )
रूमी दरवाजा सन 1783 ईस्वी में लखनऊ के आसफुद्दौला ने अकाल राहत योजना के अंतर्गत कराया था। रूमी दरवाजा की कुल ऊंचाई 60 फीट की है। इस विशाल दरवाजे को बनाने में लगभग 3 साल का समय लगा। अंत में यह सन 1786 ईसवी में बनकर तैयार हो गया। बड़ा इमामबाड़ा के पास स्थित यह दरवाजा पर्यटकों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं है। शाम के समय यहां पर स्थानीय लोगों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों का भी आना जाना होता रहता है।
रूमी दरवाजा की निर्माण शैली( Rumi darwaja construction technique in hindi )
रोमी दरवाजे के निर्माण शैली के विषय में प्रसिद्ध वास्तु कारों का यह तथ्य है कि रूमी दरवाजा की निर्माण शैली मुगल और रोमन शैली से काफी मिलती जुलती है। लखनऊ के नवाब ने इस विशाल दरवाजे का निर्माण बहुत ही सुंदरता से करवाया है। दरवाजे का निर्माण का श्रेय बड़ा इमामबाड़ा के वास्तुकार किफायत उल्लाह को जाता है। किफायत उल्लाह ने ही बड़ा इमामबाड़ा शाही बावली, भुल भुलैया आदि लखनऊ की प्रमुख इमारतों का निर्माण करवाया था। उनकी वास्तुकला अद्वितीय थी।

रूमी दरवाजा के विषय में रोचक जानकारी ( some interesting facts of Rumi darwaja in hindi)
- रूमी दरवाजा को तुर्किश गेट भी कहा जाता है क्योंकि तुर्की के महाराज के महल का प्रवेश द्वार भी इसी गेट से मिलता जुलता है।
- रूमी दरवाजा को लखनऊ में आए भयंकर अकाल की वजह से अकाल पीड़ितों की सहायता के लिए बनवाया गया था ।
- रूमी दरवाजा की कुल ऊंचाई 62 फीट की है जिसके ऊपर छतरी नुमा सुंदर आकृतियां बनी हुई है।
- 1786 में बनकर तैयार हुए रूमी दरवाजा की कुल लागत उस समय दस लाख के आसपास आंकी गई थी।
- यह कहा जाता है कि कभी इस दरवाजे के पीछे चारदीवारी हुआ करती थी जिनमें अंग्रेजों की कब्रे स्थित थीं।
- रूमी दरवाजा के निर्माण में लाखोरी ईट और सिर्फ बादामी चूने का इस्तेमाल किया गया था। जो दरवाजे की मजबूती को आज भी लोगों के सामने रखे हुए हैं।
- दरवाजे के दोनों तरफ तीन मंजिला बेहद खूबसूरत परकोटा बना हुआ है। जिसके सिर ऊपर 8 पहलू वाले बुर्ज हैं जिनके ऊपर कोई भी गुंबद नहीं बना है।
- इसकी खास सजावट और बनावट की वजह से इसे हिंदू मुस्लिम शैली का भी माना जाता है।
- यह दरवाजा प्रसिद्ध कांस्टेंटिनॉपल दरवाजों की तरह ही दिखाई देता है।
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रूमी दरवाजा खुलने का समय( opening time of rumi darwaja in hindi)
रूमी दरवाजा पूरे 24 घंटे पर्यटकों के लिए और आगंतुकों के लिए खुला रहता है। इसका प्रमुख कारण यह है कि या दो सड़कों को जोड़ता है।
रूमी दरवाजा घूमने के लिए प्रवेश शुल्क ( entry fees of Rumi Darwaja in hindi )
निशुल्क
रूमी दरवाजा लखनऊ कैसे पहुंचे?( how to reach Rumi Darwaja lucknow in hindi)
रूमी दरवाजा पहुंचने के लिए आप लखनऊ के किसी कोने से हुसैनाबाद रोड लाजपत नगर कॉलोनी के लिए सिटी बस ए प्राइवेट टैक्सी और कैप के माध्यम से आसानी से रूमी दरवाजा पहुंच सकते हैं।

रूमी दरवाजा कहां स्थित है?(Where is Rumi Darwaja located in hindi)
रूमी दरवाजा 17/11 हुसैनाबाद रोड, लाजपत नगर, मच्छी भवन, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में स्थित है।
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